कलेक्ट्रेट सभागार में दोपहर 1.45 बजे मऊगंज तहसील के सरई सेंगर गांव की ललिता जायसवाल ने संयुक्त कलेक्टर केके पाठक और इला तिवारी को आवेदन देकर कहा, कलेक्टर और कमिश्नर के आदेश के बावजूद तहसीलदार, आरआई और पटवारी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। साबह, पटवारी से मेरे जमीन की ऋण पुस्तिका दिलवा दीजिए नहीं तो कलेक्ट्रेट में मिट्टी का तेल डाल कर जान दे दूंगी। पीडि़त महिला की इस चेतावनी पर जनसुनवाई में बैठे अफसरों के हाथ-पांच फूल गए। बाद में सझाइश देकर संयुक्त कलेक्टर इला तिवारी ने शांत कराया। संयुक्त कलेक्टर ने आवेदन को संबंधित तहसीलदार के वाट्एप पर भेज कर कार्रवाई कर जानकारी तलब किया है। महिला ने जमीन की शिकायत के साथ ही मुख्यमंत्री के पत्र का हवाला देते हुए बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में सात साल से अनुकंपा नियुक्त का आवेदन लंबित है। इस तरह से जनसुनवाई में ७० से अधिक आवेदन पंजीकृत किए गए।
चोरहटा निवासी बुजुर्ग बुद्धसेन कंधे के सहारे बेटे के साथ जनसुनवाई में पहुंचा। आवेदन देकर बताया कि प्रधानमंत्री आवास का निर्माण करा रहा हूं, पिछले कई दिनों से सामग्री रखी हुई है, पड़ोसी चोरी कर रहे हैं। इसी तरह एक दर्जन से ज्यादा पीडि़तों ने प्रधानमंत्री आवास योजना की शिकायत की है।
जिले के रहट गांव निवासी सुखीलाल नट ने जनसुनवाई में बताया कि प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत है। चालीस हजार की पहली किस्त दूसरे के खाते में भेज दिया गया है। जिसमें 25 हजार वापस आ गया है। 15 हजार रुपए नहीं दिया जा रहा है। आवास निर्माण के लिए राशि जल्द दिलाने की मांग की है।