शासन की गाइड लाइन पर आयुर्वेद महाविद्यालय की ओर से शहर में आयुर्वेद चिकित्सकों की 20 टीमें गठित की गई हैं। महाविद्यालय के डीन डॉ दीपक कुलश्रेष्ट ने बताया कि शहरी क्षेत्र में चिकित्सकों की लोगों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए घर-घर चूर्ण व गोली बांट रही है। इसके अलावा बाहर से आए लोगों को ड्राप भी पिलाया जा रहा है।
जिला आयुष अधिकारी डॉ प्रमोद मेहर ने बताया कि शहर में आयुष की पांच टीमें लगी हैं। जबकि ग्रामीण क्षेत्र में ६१ टीमें काम कर रही हैं। पंचायत अमने से संपर्क कर पहले बाहर से आने वालों को दो-दो बूंद दिया जा रहा है। इसके अलावा दो-दो गोली भी दी जा रही हैं। आर्युवेद दवाओं से लोगों की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी। प्रत्येक टीम में औसत 2-3 सदस्य रहते हैं। टीम के सदस्य आयुष चिकित्सकों के साथ घर-घर दवाएं दे रहे हैं।
जिले में प्रत्येक आयुष केन्द्र से जुड़े 8-10 गांवों को टीम के सदस्य संपर्क कर लोगों को दवाएं दे रहे हैं। डॉ अभिजीत पांडेय ने बताया कि गांव में दवा के लिए लोग आगे आ रहे हैं। आयुर्वेद व होम्योपैथिक की खुराक के सेवन से लोगों की इम्यूनिटी बढ़ जाएगी। जिससे कोरोना जैसे वायरस से लडऩे में मदद मिलेगी।
आयुष चिकित्सकों की टीम ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना की जंग लड़ी रही पुलिस की टीम के कर्मचारियों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए दो-दो बूंद दवा पिला रहे हैं। इसके अलावा पुलिस कर्मचारियों को चूर्ण, दो-दो गोलियां आदि वितरण की जा रही है। जिससे वे कोरोना की जंग लड़ सकें। चिकित्सक चूर्ण को चाय के साथ या फिर गर्म पानी के साथ पीने की सलाह दे रहे हैं। आयुष की टीम थाने में पहुंचकर पूरे स्टाफ को दवा की डोज देने के बाद ही फील्ड में बाहर काम के लिए निकल रही है।