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रीवा

खदानों में ब्लास्टिंग से आशियाने की दरक रही दीवारें , तमाशबीन अफसर

जिले में खनिज कारोबारियों ने खोदी गहरी खदानें, नियम-कायदे की अनदेखी कर संचालित किया जा रहा क्रशर प्लांट

रीवाOct 15, 2019 / 09:11 pm

Rajesh Patel

Blocks in the mines are cracking walls

Blocks in the mines are cracking walls

रीवा. जिले में नियम-कायदे की अनदेखी कर खदानों में विस्फोट किया जा रहा है। अफसरों की अनदेखी के चलते पहाड़ी क्षेत्र में आदिवासियों के आशियाना की दीवारें दरक रहीं हैं। खदानों के आस-पास बस्तियों में रहवासी हादसे को लेकर भयभीत हैं। बनकुइयां और महेवा-शंकरपुर में क्रशर प्लांट और खनिज भंडारण के चलते किसानों की उपज पर धूल की लेयर जम रही है। जिससे किसानों की फसल चौपट हो रही।
महेवा-शंकरपुर में खोदी गहरी खदानें
जिले के त्योंथर और नईगढ़ी तहसील के बार्डर एरिया में स्थित महेवा-शंकरपुर गांव में दोनों जगहों पर आठ खदानों की लीज दी गई है। महेवा में छह खदानें व दो खनिज कारोबारियों ने खनिज भंडारण के साथ ही क्रशर प्लांट संचालित किया जा रहा है। खसरा नंबर ४४/१ में राजस्थान की अग्रवाल कंस्ट्रक्शन कंपनी चार एकड़ में भंडारण की अनुमति ली है। जबकि मौके पर श्यामलाल वर्मा की करीब २४ एकड़ भूमि की लीज पर पहाड़ जैसा भंडारण किया है। क्रशर मशीनों में कैप नहीं लगा है और न ही बाउंड्रीवाल है। इसी तरह चंद्रशे गोयल और प्रकाश चंद्र गोयल क्रशर प्लांट के साथ गहरी खदान खोद दिया है।

300 मीटर के अंतर में दो क्रशर प्लांट
नियम-कायदे की अनदेखी कर खदान खोदी जा रही है। दोनों प्लांट के बीच ३०० मीटर का अंतर है। दोनों प्लांटों के क्रशर की धूल की गुबार से आस-पास कि सैकड़ो किसानों की फसल नष्ट हो रही है। कई किसानों ने धूल के चलते खेत को पड़ती छोड़ दिया है। किसानों के बगैर सहमति पर अफसरों ने खनिज भंडारण और क्रशर प्लांट का लाइसेंस जारी कर दिया है। संदीप अग्रवाल के द्वारा संचालित क्रशर प्लांट के आस-पास १०० एकड़ से ज्यादा किसानों की उपज प्रभावित हो रही है। प्लांट के पड़ोस में कालू पटेल छह एकड़ एरिया में धान की बोनी की है। धान के पेड़ों पर धूल की मोटी लेयर जम गई है।
खदानों में विस्फोट से गरीबों के घरों पर गिर रहे पत्थर के टुकड़े
महेवा में खसरा नंबर १५९ और १५६ नंबर पर खनिज कारोबारी ने गहरी खदान खोद दिया है। खदान से महज चालीस मीटर दूर कन्हैया आदिवासी और आशा आदिवासी का घर है। आशा ने अधिकारियों को सूचना दी है कि खदान में विस्फोट से पत्थर के टुकड़े घर गिरते हैं। विस्फोट के चलते दीवारें फट गई हैं। कच्चा मकान का खपरैल जर्जर हो गया। पॉलीथिन लगाने के बाद भी पूरा घर खराब हो गया है। महिला के अनुसार भूमिहीन परिवार पहले गांव में रहता था। बीस साल से गांव के बाहर घर बना कर रह रही है। खदान संचालक आवास छोड़ कर जाने के लिए धमका रहा है। खदान के आस-पास बैरिकेट्स नहीं होने से खदान के आस-पास अनहोनी की आशंका बनी रहती है। खदानों के चारों तरफ आस-पास दर्जनभर परिवारों के घर बने हुए हैं। कुछ परिवारों ने झोपड़ी बना रखी है।

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