जिले के अंतरराज्यीय सीमा पर एनजीटी ने पांच साल पहले सीमा पर दोनों छोर में 500 मीटर दूर तक करीब ७० किमी एरिया में खदानें खोद दिया है। तत्कालीन खनिज अधिकारी रहे आरएन मिश्र ने एरिया चिहिंत करा दिया था। तब से लेकर आज तक खनन जारी है। हनुमना तहसील के पूर्वी छोर में 18 किमी दूर लोढ़ी गांव स्थित है। इस गांव के पूर्वी, उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्र में अंतरराज्यीय सीमा है।
खनिज कार्यालय के रेकार्ड में इस गांव में दो खदानें स्वीकृत हैं। लेकिन, मौके पर 200 से अधिक जगहों पर पत्थर-पटिया का खनन किया जा रहा है। इसी तरह हाटा, पांती मिश्रान में फारेस्ट की सीमा पर खनन चल रहा है। जबकि छेरिहवा, बरदहवा और उत्तरी सीमा पर लगड़ी, भैंसहवा सहित आदि कई गांवों के आस-पास प्रतिबिंधि एरिया में पत्थर-पटिया की खदानें खोदी गई है।
चार साल पहले प्रतिबंधित एरिया में पदस्थ रहे तत्कालीन पटवारी और यूपी क्षेत्र के वन अधिकारियों ने जिला प्रशासन को पत्र में बताया था कि दोनों राज्यों के बार्डर पर खनन कार्य चल रहा है। जिससे बार्डर की सीमा नष्ट हो रही है। बावजूद इसके जिम्मेदारों के सेहत पर फर्क नहीं पड़ रहा है। तत्कालीन कलेक्टर ने एक बार बड़ी कार्रवाई की थी। तब की कार्रवाई के बाद से आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। विभागीय अधिकारी एक दूसरे पर सहयोग नहीं देने का ठीकरा फोड़ रहे हैं।
लोढ़ी गांव से पश्चिमी की ओर स्थित अहिरावीर स्थित रामजानकी मंदिर से सटी जगह पर खदान खोद दी गई है। बताया गया कि मार्च माह में कुछ खनिज कारोबारियों ने दूसरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगाते हुए खनिज अधिकारियों से धक्का-मुक्की भी कर चुके है। मामले में खनिज इंस्पेक्टर आरती सिंह के साथ मौजूद गार्ड ने थाने में तहरीर भी दिया है। लेकिन, खनिज अफसरों के दबाव में मामला लंबित पड़ा है। इसके अलावा दो साल पहले हनुमना क्षेत्र के संभागीय उडऩदस्ता के वाहन पर खनिज कारोबारियों ने पत्थराव कर दिया था। दोनों मामले ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
जिले में वित्तीय वर्ष 2012-13 में एनजीटी ने अंतरराज्यीय सीमा एरिया में खनन पर प्रतिबंध लगा दिया था। मामले को पत्रिका ने वर्ष 2013-14 में मुद्दा बनाया तो एनजीटी ने संज्ञान में लेते हुए करीब एक दर्जन खदानों को निरस्त कर दिया था। इसके बाद से आज तक खनिज अधिकारियों ने ऐसा कोई अभियान नहीं चलाया कि प्रतिबंधित एरिया में हो रहे खनन पर रोक लगाई जा सके।
वर्जन…
प्रतिबंधित एरिया को छोड़ कर खदानें स्वीकृत की गई हैं। अगर ऐसा है तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
रत्नेश दीक्षित, जिला खनिज अधिकारी