शाहपुर बस स्टैण्ड में खड़ी बस के अंदर दो युवकों के साथ आपत्तिजनक हालत में मौजूद युवती के साथ डायल 100 में पदस्थ नगर सैनिक ने अश्लील गाली-गलौज की थी। इसके बाद बस मालिक के साथ मिलकर उसका बिना कपड़ों के वीडियो बनाकर उसे वायरल किया और बिना पूरे कपड़ों के ही उसे थाने लाया गया। इस मामले को आईजी उमेश जोगा ने संज्ञान में लेते हुए कार्रवाई के निर्देश दिये। फलस्वरूप पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सिंह के निर्देश पर एएसपी मऊगंज विजय डाबर ने इस पूरे मामले की जांच की। जांच में बड़े स्तर की लापरवाही सामने आई है।
डायल कर्मचारी को पहले इसकी सूचना थाना प्रभारी को देनी चाहिए थी और महिला बल बुलाना था। यदि ऐसा नहीं हुआ तो युवती को कपड़े पहनाकर युवती को मर्यादा को ध्यान में रखते हुए थाने लाना चाहिए था और लोगों को उसका वीडियो बनाने से भी रोकना था लेकिन पूरे मामले में नारी की मर्यादा को भंग करने का प्रयास किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए शाहपुर थाने में नगर सैनिक रामसुंदर कोल, इसू सिंह बस मालिक, कासिम खान, प्रेम कुशवाहा के खिलाफ धारा 294, 354, 354 (ख), 509, 342 व एसटीएससी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है जिनसे घटना के संबंध में पूछताछ की जा रही है।
इस पूरे मामले में थाना प्रभारी श्वेता मौर्य की बड़ी लापरवाही सामने आई है। घटना संज्ञान में आते ही दो दिनों तक वे इसे छिपाए रही और वरिष्ठ अधिकारियों को भी अवगत नहीं कराया। एक महिला होने के नाते उनसे पीडि़ता के प्रति संवेदनशीलता की उम्मीद की जा सकती है लेकिन उन्होंने इस मामले में युवती को न्याय दिलाने का प्रयास नहीं किया। ऐसे में उनकी लापरवाही सामान्य से कहीं बड़ी है। एसपी ने उनको थाने से हटाते हुए लाइन अटैच कर दिया है।