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सावधान: मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और जीका का कहर , बचाव के लिए करें यह उपाय

जिला मलेरिया अधिकारी ने आमजनों से वैक्टर जनित रोगों डेंगू, चिकनगुनिया, जीका, मलेरिया तथा मस्तिष्क ज्वर आदि में नियंत्रण तथा बचाव के लिए सावधानियां बरतने की अपील की है

रीवाJul 13, 2019 / 09:14 pm

Rajesh Patel

dengu in rajasthan

Dengue and Chikungunya attack in mp

रीवा. जिला मलेरिया अधिकारी ने आमजनों से वैक्टर जनित रोगों डेंगू, चिकनगुनिया, जीका, मलेरिया तथा मस्तिष्क ज्वर आदि में नियंत्रण तथा बचाव के लिए सावधानियां बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सामान्य सावधानियां बरतने से इन बीमारियों की भयावहता को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल अवश्य करें।
बुखार मलेरिया हो सकता
जिला मलेरिया अधिकारी ने कहा कि डेंगू, चिकनगुनिया तथा जीका वायरस का फैलाव एडीज मच्छरों के द्वारा होता है। यह ऐसी बीमारियां हैं जिनके कीटाणु किसी वाहक के द्वारा हमारे शरीर तक पहुंचते हैं। यह मच्छर घरों में पानी के कन्टेनरों में होते हैं। वहीं मलेरिया के जीवाणु मादा एनाफ्लीज मच्छर के द्वारा उत्पन्न होते हैं। इसी प्रकार मस्तिष्क ज्वर विभिन्न पेथोजन्स वायरस, बैक्टीरिया, पैरासाइड इत्यादि के संक्रमण के द्वारा होता है। इनमें भी मच्छरों की प्रमुख भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है। बुखार आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र, अस्पताल, स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं आशा बहनजी से संपर्क कर तत्काल डॉक्टरी परामर्श प्राप्त करें तथा खून की जांच कराएं और पूर्ण उपचार लें।
खिडक़ी-दवाजों में जालियां लगवाएं
खिडक़ी, दरवाजों में जालियां लगवाएं। शाम को घर में नीम की पत्ती से धुंआ करें तथा शरीर पर नीम का तेल लगाएं। शरीर को पूरा ढक कर रखें। तालाबों, कुओं, पोखरों आदि में लार्वा भच्छी गम्बूसिया मछलियां डालें। जल भराव वाले स्थानों पर जला हुआ तेल डालें। पुराने टायरए खाली बर्तन, टीन, टप्पर, सीमेन्ट की नाद आदि में वर्षा का पानी जमा न होने दें।
पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं
सप्ताह में एक बार पानी की टंकी, कूलर, डिब्बा, बाल्टी इत्यादि को खाली करें तथा उन्हें सुखाकर फिर उसमें पानी भरें। पानी की टंकियों को हमेशा बंद रखें। पीने के पानी को हमेशा छानकर व ढककर रखें। शारीरिक स्वच्छता का ध्यान रखें। शौचालय का इस्तेमाल करें। खाने से पूर्व एवं शौच के बाद साबुन से हाथ अवश्य धोयें। पर्याप्त मात्रा में पानी पिंए व भरपेट भोजन करें। पालतू जानवरों का निवास अलग तथा साफ.सुथरा रखें।
मलेरिया के लक्षण
अचानक ठण्ड लगकर कंपकपी के साथ बुखार आना व पसीने के साथ बुखार उतरना। बदन दर्द, सिर दर्द तथा उल्टी आना। कमजोरी, भूख न लगनाए लगातार या अंतराल के बाद बुखार का बने रहना।
डेंगू के लक्षण
तेज सिर दर्द के साथ बुखार आना। मासपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना। आंखो के पीछे व आसपास दर्द होना। जी मचलाना, उल्टी होना। गंभीर मामलों में नाक, मुंह और मसूड़ों में खून आना।
चिकनगुनिया के लक्षण
तेज सिर दर्द के साथ बुखार आना। मासपेशियों में ऐठन के साथ दर्द होना। त्वचा पर लाल चकत्ते आना। जी मचलाना, उल्टी होना। गंभीर मामलों में नाक, मुंह और मसूड़ों में खून आना।
फाइलेरिया हाथी पांच के लक्षण
हाथ-पैर में स्थाई सूजन रहना। रात्रि के समय हाथ पैर में तेज दर्द, सुन्नपन व बुखार आना। जी मचलाना, उल्टी होना। निजी अंगों में गठान अथवा सूजन होना।

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