जिले में मुख्य मंत्री ग्राम सडक़ योजना के चतुर्थ चरण के तहत विभिन्न जनपदों के अंतर्गत 47 से अधिक सडक़ें स्वीकृत हैं। ज्यादातर सडक़ों के निर्माण के लिए जमीन नहीं मिल रही है। जिन सडक़ों के लिए जमीन उपलब्ध हो गई है। उन जमीनों पर अतिक्रमण के कारण निर्माण पूरा नहीं हो पा रहा है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास की ओर से संचार संकर्म स्थायी समिति की बैठक के दौरान ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार 1861.31 लाख रुपए से अधिक सडक़ों का निर्माण लंबे समय से रूका हुआ है। कई बार संबंधित क्षेत्र के राजस्व अधिकारियों और पुलिस को पत्र लिखा गया। इसके बावजूद जमीन से न तो अतिक्रमण हटाया जा सका और न ही शासकीय जमीन उपलब्ध कराई जा रही है।
मुख्यमंत्री ग्राम सडक़ योजना के तहत स्वीकृत सडक़ों को जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण वर्ष 2017-18 से लेकर अब तक 12 से अधिक सडक़ों का कार्य निरस्त कर दिया गया है। इसके अलावा कई निर्माण कार्य सडक़ों के डबल कनेक्टविटी के कारण नहीं कराा जा सका है। सडक़ों के अक्टूबर 2018 को आदेश जारी होने के बाद भी प्रारंभ नहीं हो सके। करीब 218.18 लाख की योजना का काम अभी तक चालू नहीं कराया जा सका है।
जिले के त्योंथर जनपद क्षेत्र के बौना कोठार से महादेवा के बीच करीब 1.40 किमी सडक़ वर्ष 2017.18 में स्वीकृत है। 30 लाख रुपए से लागत की स्वीकृत सडक़ का निर्माण चालू नहीं कराया जा सका है। अधिकारियों ने सदस्यों को बताया कि दो साल से अभी तक शासकीय जमीन उपलब्ध नहीं करायी जा सकी है। जिसके कारण निर्माण चालू नहीं हो सका है। इसी तरह गढ़ी-सोहरवा से टिकुरी का कार्य बंद हो गया है।