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एमपी के इस जिले में बन रहे सूखे जैसे हालात, किसान परेशान, अब तक हुई महज दो फीसदी बोवनी

अल्पवर्षा की स्थिति, खेत नहीं तैयार…

रीवाJul 10, 2018 / 01:33 pm

Ajeet shukla

Due to dry condition in Rewa, sowing is not possible in kharif crop

Due to dry condition in Rewa, sowing is not possible in kharif crop

रीवा। मौसम एक बार फिर वर्ष 2015 जैसी सूखे की स्थिति बनाने पर तुला हुआ है। अब तक हुई बारिश व बोवनी की स्थिति को देखते हुए जिले में सूखे जैसे हालात दिखाई देने लगे हैं। मौसम की बेरुखी के चलते एक ओर जहां खेत बोवनी के लिए तैयार नहीं हो सके हैं। वहीं दूसरी ओर जैसे-तैसे की गई बोवनी भी सूरज की तेज तपिस के आगे मुरझाने लगी है।

सप्ताह भर के भीतर बारिश जरूरी
आधा आषाण बीतने को है। लेकिन अभी बोवनी की शुरुआत भी नहीं हो सकी है। जबकि अब तक 50 फीसदी से अधिक बोवनी पूरी हो जानी चाहिए। खुद कृषि विभाग के अधिकारी यह स्वीकार कर रहे हैं कि अब तक महज दो फीसदी बोवनी की रिपोर्ट मिली है। कृषि वैज्ञानिकों भी स्थिति के मद्देनजर सूखे जैसे हालात बनने की बात कर रहे हैं। वैज्ञानिकों की माने तो सप्ताहभर के भीतर झमाझम बारिश नहीं हुई तो किसान खरीफ की बोवनी नहीं कर सकेगा।

30 डिग्री तापमान आने पर हो सकेगी बोवनी
कृषि वैज्ञानिकों की माने तो पर्याप्त बारिश होने के बाद भी किसान खरीफ की बोवनी तभी कर सकेगा, जब मौसम का अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेंटीग्रेड के करीब होगा। गौरतलब है कि वर्तमान में अधिकतम तापमान 38 डिग्री के पार चल रहा है। जबकि इस समय तापमान 30 डिग्री सेंटीग्रेड के आस-पास होना चाहिए।

अभी तक आधी बारिश भी नहीं हुई
मौसम विभाग की ओर से मिली रिपोर्ट के मुताबिक गत वर्ष की तुलना में अब तक आधी बारिश भी नहीं हुई है। पिछले वर्ष मौसम विभाग ने अब तक 180 मिलीमीटर से अधिक बारिश होने की रिपोर्ट जारी किया था। लेकिन अब की बार महज 80 मिलीमीटर होने की रिपोर्ट जारी की गई है। फसल की बोवनी के लिए अब तक 200 एमएम से अधिक बारिश होने की बात की जा रही है। हालांकि मौसम वैज्ञानिक इस सप्ताह अच्छी बारिश की संभावना जा रहे हैं।

खरीफ में 274 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य
कृषि विभाग ने अब की बार खरीफ में बोवनी के लिए 274.50 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है। लेकिन अभी तक बोवनी का रकबा साढ़े 500 हेक्टेयर का आंकड़ा पार नहीं कर सका है। मौसम की बेरुखी को देखते हुए कृषि अधिकारियों को अब लक्ष्य पूरा होता नहीं दिख रहा है। क्योंकि सोयाबीन, मूंग व उड़द जैसी कई फसलों की बोवनी का समय अब खत्म होने को है। धान का रोपा तैयार है लेकिन मौसम प्रतिकूल है।

प्रमुख फसल की बोवनी का लक्ष्य
274 हजार हेक्टेयर कुल लक्ष्य
130 हजार हेक्टेयर धान का लक्ष्य
48 हजार हेक्टेयर अरहर का लक्ष्य
30 हजार हेक्टेयर सोयाबीन का लक्ष्य
22 हजार हेक्टेयर उड़द का लक्ष्य

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