कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने रीवा लोकसभा क्षेत्रान्र्तगत समस्त विधानसभा क्षेत्रों की सीमाओं के भीतर आदेश दिया है कि मतदान समाप्ति के 48 घंटे पूर्व गैर कानूनी सभाओं का आयोजन प्रतिबंधित कर दिया गया है। पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों के एक साथ चलने पर प्रतिबंध लगाया है। इस प्रतिबंध में प्रत्याशियों द्वारा घर-घर जाकर प्रचार-प्रसार की छूट दी गई है। मतदान समाप्ति के 48 घंटे पूर्व से लाउडस्पीकर का प्रयोग पूर्णतरू प्रतिबंधित कर दिया गया है। उधर, बताया गया कि २४ घंटे तक बार्डर सीमा सील कर दी गई है।
मतदान समाप्ति के 72 घंटे पूर्व मतदाताओं के लिए सामूहिक भोज का आयोजन प्रतिबंधित कर दिया है। किसी भी दल या अभ्यर्थी द्वारा विभिन्न जातियों, समुदायों, धार्मिक या भाषा के मध्य तनाव पैदा करने वाली गतिविधियों को प्रतिबंधित कर दिया है।
4 मई की शाम 6 बजे के पश्चात रीवा जिले की विधानसभा क्षेत्रों की सीमा के भीतर किसी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश, होटल, धर्मशाला, सराय, लाज, अतिथि गृह, या किसी भवन मालिक के मकान में ठहरने पर उस व्यक्ति के संबंध में विस्तृत जानकारी जैसे नाम, पता, आने का उद्देश्य की जानकारी तत्काल संबंधित क्षेत्र थाना प्रभारी को देना अनिवार्य होगी। अतिथि गृह, धर्मशाला आदि के प्रबंधक यह सूचित करेंगे कि उनका उपयोग राजनैतिक दलों या अभ्यर्थियों द्वारा किसी भी तरह से मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए नहीं किया जा रहा है।
यह प्रतिबंध 7 मई को प्रात: 7 बजे तक प्रभावशील रहेगा। उन्होंने कहा कि किसी अभ्यर्थी अथवा राजनैतिक दल के सभी कार्यकर्ता जो प्रचार.प्रसार अभियान हेतु आये हैं और निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता नहीं हैं ये सभी निर्वाचन क्षेत्र से दिनांक 4 मई की शाम 6 बजे तक तुरंत छोड़ दें किंतु यह प्रतिबंध राजनैतिक दल के उस पदाधिकारी का लागू नहीं होगा। जो राज्य का प्रभारी है और राजनैतिक दल द्वारा राज्य मुख्यालय से रहने की जगह घोषित होगी। कोई भी अभ्यर्थी यह राजनैतिक दल मतदाताओं के मनोरंजन करने के लिए कोई सामुदायिक रसोई घर की व्यवस्था नहीं करेगा।
यह प्रतिबंध 4 मई की शाम 6 बजे से 7 मई को प्रात: 7 बजे तक लागू रहेगा। उन्होंने कहा कि 4 मई को शाम 6 बजे से दिनांक 6 मई को मतदान समाप्ति तक किसी होटल, आहार, गृह, मधुशाला अथवा किसी अन्य सार्वजनिक तथा निजी स्थानों में कोई भी स्प्रिट युक्त, मादक लिकर या वैसी ही प्रकृति का अन्य कोई पदार्थ न विक्रय किया जायेगा और न ही वितरित किया जाएगा। जिला दण्डाधिकारी ने कहा कि इस आदेश से व्यथित दण्ड प्रक्रिया सहिता 1973 की धारा 144 के अन्तर्गत कलेक्टर के न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर सकेगा। उक्त अवधि में उक्त आदेश का उल्लंघन भारतीय दण्ड प्रक्रिया की धारा 188 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आएगा।