पत्रिका समूह की चेंजमेकर मुहिम के तहत चेंजमेकर और वॉलेटियर की पत्रिका कार्यालय में बैठक की गई। चर्चा के दौरान कहा कि इस चुनाव में चुनें उसे जो सबकी सुने। सभी ने एक स्वर में स्वास्थ्य, शिक्षा, अपराध, भ्रष्टाचार, रोजगार और महंगाई सहित कई अन्य मुद्दों को बढ़-चढ़ कर सामने रखा। इस दौरान चेंजमेंकरों ने कहा कि जिले में महिला शिक्षा के लिए दो कन्या महाविद्यालय खोले जाने की जरूरत है।
बैठक के दौरान अपराध को कम करने के लिए नशाखोरी पर पाबंदी लगाए जाने की आवाज बुलंद की। बैठक के दौरान स्वच्छ राजनीति में अच्छे लोगों को राजनीति में जगह देने की भी बात उठाई गई। बैठक में बीके माला, नागेन्द्र सिंह गहरवार, प्रेमलाल पटेल, बिजेन्द्र गौतम, काव्या बघेल, संदीप तिवारी, महमूद खान, हिमांशु शुक्ल, अभिनव मिश्रा, मनोहर ठारवानी, विनीत मिश्रा, अभिषेक पाण्डेय, शिवम गौतम मौजूद रहे।
बीके माला, चेंजमेर
स्वच्छ राजनीति के लिए सभी को काम करना चाहिए। वैचारिक मतभेद हो, लेकिन राजनीतिक मतभेद न हो। राष्ट्र काम को सर्वोपरि स्थान पर रखना के साथ निर्णय श्रेष्ठ मानना चाहिए। राजनीति में आपराधिक छवि के लोगों को दूर रखें, स्थानीय स्तर से लेकर राष्ट्र के हित में विचार रखने वाले को राजनीति क्षेत्र में मौका मिलना चाहिए।
बृजेन्द्र गौतम, चेंजमेंकर
लोकसभा के लिए चुने जाने वाले प्रतिनिधियों के लिए शिक्षा की अनिवार्यता हो ताकि वे जरूरतों की प्राथमिकता को समझें। स्वच्छ राजनीति के लिए प्रतिनिधियों का चयन करने में ध्यान रखना होगा। तीसरा विकल्प कमजोर होने की वजह से मजबूरी में ऐसे लोगों को चुनना पड़ता है जो मनमानी बाद में करते हैं। चुने गए जनप्रतिनिधि को अपनी जवाबदेही समझनी होगी।
प्रेमलाल पटेल, चेंजमेकर्स
चेंजमेकर्स अभियान का असर यह हुआ है कि लोग अब खुलकर चर्चा करने लगे हैं कि हमें अपना प्रतिनिधि चुनते समय विशेष ध्यान रखना चाहिए। राजनीति में अच्छे लोगों के प्रवेश का रास्ता खुला है। युवा, महिलाएं, किसान, व्यवसाई अब हर कोई चाहता है कि भ्रष्टाचार और अपराध से जुड़े लोगों को राजनीति में प्रवेश ही नहीं करने दिया जाए।
नागेन्द्र सिंह गहरवार, चेंजमेकर्स
देश राजनीति दूषित हो गई है। इस लिए संभ्रांत परिवार के लोग अपने बच्चों को राजनीति के क्षेत्र में नहीं भेजना चाहते हैं। शिक्षित युवा भीू दूषित राजनीति से दूर है। राजनीति में जातिवाद नहीं होना चाहिए।
अभिशेष पांडेय, समाजसेवी
स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़ाने के प्रयास होने चाहिए। युवा वर्ग रोजगार नहीं मिलने से दिशाहीन होता जा रहा है। रिटायर्ड होने की आयु घटाई जाए ताकि नए लोगों को रोजगार मिले। रीवा जिले में खनिज का अपार भंडार है, इसके लिए यहां बड़े उद्योग लगाए जाने चाहिए थे। जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही होती है कि इस दिशा में काम करें।
रामायण सिंह, रिटायर्ड रेंजर
पत्रिका ने स्वच्छ राजनीति कायम करने बड़ा कदम उठाया है। सबके मन में यह बात लंबे समय से चल रही है। जाति और क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर काम करने वाले प्रतिनिधि का चयन करना होगा। मूलभूत सुविधाओं के लिए अब भी बड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।
-अविराज, सामाजिक कार्यकर्ता
इन मुद्दों पर किया फोकस
– अपराध में संलिप्त और संरक्षण देने वाला जनप्रतिनिधि नहीं चुना जाए।
– भ्रष्टाचार से जुड़े व्यक्ति का बहिष्कार करना चाहिए।
– किसी एक विचारधारा का व्यक्ति समाज के लिए हितकर नहीं।
– ऐसे जनप्रतिनिधि हो जो जनता की मूल समस्याओं पर फोकस करे।
– जनता को समस्या लेकर नेता के दरवाजे नहीं जाना पड़े, नेता स्वयं आए, ऐसे व्यक्ति को हो चुनाव।
– रोजगार के संसाधन मुहैया कराने पर जोर दिया जाना चाहिए।
– स्वच्छ पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, रेल, सडक़ और हवाई यातायात की व्यवस्था जरूरी।
– रीवा जिले में आवारा जानवरों की बड़ी समस्या है, इसके लिए नेताओं को आगे आना होगा।
– प्रतिनिधि चुनते समय जाति-क्षेत्र से अधिक अच्छे व्यक्ति को प्राथमिकता दी जाए।