घटना संजय गांधी अस्पताल परिसर की बताई जा रही है। अस्पताल में ऑटो में सवार होकर चार युवक आए थे जो खुद को फौजी बता रहे थे। रात करीब आठ बजे के लगभग वे अस्पताल से ऑटो लेकर वापस जा रहे थे। उनको अस्पताल के पार्किंग स्टैण्ड के कर्मचारियों ने रोक लिया और पैसों की मांग की।
इस दौरान उनके बीच विवाद हो गया। उस समय तो चारों ओर युवक वहां से बाहर निकल गए लेकिन ऑटो अस्पताल के बाहर खड़ा करके फिर अंदर आए और साइकिल स्टैण्ड के कर्मचारियों को पीटना शुरू कर दिया। तीन कर्मचारियों को उन्होंने अस्पताल परिसर के अंदर बुरी तरह पीटा। घटना से अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया।
शोर-शराब सुनकर स्थानीय लोग पहुंच गए। भीड़भाड़ एकत्र होते देख सभी आरोपी ऑटो लेकर फरार हो गए। घटना से अस्पताल परिसर में घंटों हंगामा मचा रहा। घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों की पहचान नहीं हो पाई है। पीडि़त कर्मचारियों की माने तो चारों लोग काफी नशा किये हुए थे।
अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है। कहने को तो यहां हर समय सुरक्षाकर्मी मौजूद रहते हंै। इसके बाद भी खुलेआम मारपीट करके चारों आरोपी फरार हो गए। समीप ही एसजीएमएच चौकी स्थित है लेकिन उस चौकी को अधिकारियों ने एक प्रधान आरक्षक के भरोसे छोड़ रखा है। इसके अलावा तीन आरक्षक यहां पदस्थ है जिसमें एक-एक आरक्षक को 24 घंटे की ड्यूटी करनी पड़ती है। रात में पूरे अस्पताल परिसर में नशेड़ी मंडराते है जो मरीजों और उनके अटेंडरों के साथ भी अभद्रता करने से नहीं चूकते है।