मानवेंद्र को जानने वाले बताते हैं कि वह बहुत ही होशियार लड़का था। पढ़ने में तेज था। वह लखनऊ में रह कर बीकॉम कर रहा था। इधर बीच कोरोना संक्रमण के चलते कॉलेज बंद था तो वह रीवा स्थित अपने घर आ गया था। पारिवारिक सूत्र बताते हैं कि माता-पिता उसे बेहतर उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजने की तैयारी में थे। उन्हें अपने अपने लाड़ले से काफी उम्मीदें थीं। परिवार का हर सदस्य उससे बेइंतिहां प्यार करता था।
ये भी पढ़ें- हंस-हंस कर विदा करने का स्टेटस डाल कर युवक ने कर ली खुदकुशी ऐसे में उसने लोग समझ नहीं पा रहे कि आखिर उसे क्या तकलीफ थी, किस बात को लेकर वह इतना हताश हो गया कि खुदकुशी करने का बड़ा फैसला ले लिया। पुलिस को भी इंतजार है कि परिवार के लोग सदमें से बाहर आएं तो पूछताछ की जाए। इस हादसे के कारण का पता चल सके।
बता दें कि रीवा के ढेकहा मोहल्ला निवासी बस संचालक के 21 वर्षीय युवा बेटे मानवेंद्र ने शुक्रवार को खुद को गोली मार कर खुदकुशी कर ली थी। ऐसा करने से तीन मिनट पहले ही उसने अपने ह्वाट्सएप का स्टेटस बदला, स्टेटस में लिखा, पापा मैं आपका नाम रोशन करना चाहता था, लेकिन मुझे यह गलत काम करना पड़ रहा है। इसमें मेरी गलती नहीं है। मेरे जाने के बाद सब मुझे हंस-हंस के विदा करेंगे। अगर कोई रोता है या मेरे माता-पिता व परिवार वालों को कुछ कहता है तो मैं सपने में आकर उसे डराऊंगा। मुझे हंस-हंस के विदा करिएगा।”
अब जबकि मानवेंद्र का अंतिम संस्कार रविवार को प्रयागराज में कर दिया गया। लेकिन मानवेन्द्र ने ये कदम क्यों उठाया ये कारण अभी अज्ञात है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। पर उसे भी अभिभावकों के सामान्य होने का इंतजार है।