जिले में 29 हजार से अधिक किसानों ने 12 लाख क्विंटल से अधिक गेहूं की तौल की गई है। लगभग 250 करोड़ रुपए से अधिक कीमत के गेहूं की तौल कराने के बावजूद अभी तक शत-प्रतिशत किसानों के खाते में भुगतान नहीं पहुंचा है। अधिकारियों का दावा है कि गुरुवार की स्थिति में शासन से 164करोड़ रुपए किसानों के खाते में भेजा जा चुका है। जबकि अभी 89 करोड़ रुपए का भुगतान बकाया है।
समर्थन मूल्य पर गेहूं तौल के बाद सात से अधिक किसान खरीद केन्द्रों पर पावती के लिए चक्कर लगा रहे हैं। खाद्य विभाग के आंकड़े के अनुसार गेहंू तौल के अंतिम दिन तकनीकि खराबी के कारण करीब एक हजार किसानों के तौल का रेकॉर्ड ऑनलाइन अपलोड नहीं हो सका था। इसके अलावा 753 ऐसे किसान थे जो केन्द्र पर खड़े रहे। तौल नहीं होने पर उन्हें टोकन दिया गया। टोकन के बाद भी तौल नहीं हो रहा था। कलेक्टर के हस्तक्षेप पर एक दिन के दिन पोर्टल खोला गया। र्वर और पोर्टल बंद होने के कारण प्रक्रिया प्रभावित हो गई थी।
जिले में तौल बंद होने के बाद अभी तक करीब २२ हजार क्विंटल का हिसाब वेयर हाउस में नहीं है। जिससे किसानों के भुगतान में दिक्कत हो रही है। कागजी प्रक्रिया पूरी नहीं होने क कारण किसानों को समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है। बताया गया कि जब वेयर हाउस गोदाम में गेहूं जमा जाता है, तब तक शासन से किसानों के खाते में राशि नहीं जाएगी।
किसानों को अभी तक 164 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। शासन स्तर पर हर रोज किसानों के खाते में राशि भेजी जा रही है। 98 प्रतिशत परिवहन का काम पूरा हो गया है। बाद में टोकन से तौल होने वाला गेहूं अभी तक परिवहन नहीं हो पाया है। जल्द ही हो जाएगा।
प्रकाश कुमार परौहा, जिला विपणन अधिकारी