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रीवा

पशुओं को आवरा छोडऩे वालों पर दर्ज होगी एफआइआर, कलेक्टर ने लगाई धारा-144

जिले में तत्काल प्रभाव से लागू, 17 दिसंबर 2019 तक रहेगा प्रभावशील

रीवाOct 20, 2019 / 01:35 pm

Rajesh Patel

रीवा. जिले में अब मवेशियों को आवरा छोडऩे वालों की खैर नहीं है। पशुओं को आवरा छोडऩे वालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। हाईकोर्ट की गाइड लाइन के बाद यह आदेश कलेक्टर ने बतौर जिला दंडाधिकारी दिया है। जिला दण्डाधिकारी ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने जिले में आवारा पशुओं से फसलों की क्षति और सार्वजनिक स्थलों में पशुओं के घूमने के कारण होने वाले नुकसान की रोकथाम को लेकर धारा 144 लागू कर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है।
सडक़ पर मवेशियों के आने से बढ़ रहीं दुर्घटनाएं
जिला दण्डाधिकारी ने आदेश में कहा है कि जिले के सीमा में मवेशियों को बिना चरवाहे के छोडऩे की ऐरा प्रथा के कारण पशुओं के यहां-वहां घूमने से आए दिन दुर्घटनाएं हो रहीं हैं। आवारा मवेशी किसानों की फसलों को नष्ट कर रहे हैं। सडक़ मार्ग में पशु दुर्घटनाग्रस्त होकर मृत अथवा घायल हो जाते हैं इससे लोगों की आस्था पर चोट पड़ती और कानून व्यवस्था की समस्या बनती है। इसके अलावा दुर्घटनाओं में वाहन चालक भी घायल और मृत हो रहे हैं। ऐसी दुर्घटनाओं के बाद आसपास के सैकड़ों लोग हाइवे जाम कर देते हैं और परिवहन व आवागमन प्रभावित होता है।
पशुओं में टैग के जरिए होगी पहचान
जिला दण्डाधिकारी ने अपने आदेश में कहा है कि पशुपालन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी नवंबर 2019 से जनवरी 2020 तक पशु पालक के घर-घर जाकर पशुओं की टैगिंग करेंगे। जिससे यह पता चलेगा कि संबंधित पशु का मालिक कौन है। पशु पालकों द्वारा अपने पशुओं को ऐरा छोडऩे तथा दुर्घटना होने को क्रूरता मान्य करते हुए उनके विरूद्ध पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के तहत प्रकरण दर्ज कराया जाएगा।
इस पर भी प्रतिबंध
जिला दंडाधिकारी ने कहा है कि ग्रामों में पराली जलाने तथा हार्वेस्टर से कटाई कराने के कारण भूसे की कमी हो रही है और पशु भूखे भटक रहे हैं। जिससे पराली जलाने को पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया है साथ ही हार्वेस्टर की अनुमति उसी शर्त पर दी जाएगी जब उसके साथ भूसा कटाई की मशीन जैसे रीपर का प्रयोग किया गया हो अर्थात भूसा कटाई मशीन के बिना हार्वेस्टर का प्रयोग पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। यह प्रतिबंधात्मक आदेश जिले की सीमाओं के भीतर तत्काल प्रभाव से लागू होकर 17 दिसंबर 2019 तक प्रभावशील होगा। उन्होंने पशुपालक कृषकों व अन्य संबंधितों से इस प्रयास में सहयोग की अपेक्षा की है। इसके विपरीत आचरण पर आदेश का उल्लंघन माना जायेगा।

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