डॉ ज्योति सिंह ने बताया कि मध्य प्रदेश के सीधी जिले के तराई अंचल के भोजन में ऑयोडीन की कमी है। जीएमएच में एंड्रोकाइनोलॉजी क्लीनिक में भर्ती 15 से अधिक नवजात शिशुओं में हाइपोथायराइड की कमी है। बच्चों को कृतिनिजम हो जाता है। ऐसे बच्चों की जांच के दौरान पता चलता है कि ऑयोडीन माइक्रो न्यूट्रिएंट जैसे तत्वों की कमी के कारण हाइपोथायराइड कम है। जिसे क्लीनिक में रखकर गोली खिलाकर दूर किया जाता है। ऐसे बच्चों को हर समय देखरेख चलती रहती है।
गर्भधारण करने में समस्या बांझपन का खतरा
वहीं महिला चिकित्सक डॉ. शीतल कहती कि महिलाओं में ऑयोडीन कमी का अगर समय रहते उपचार न किया जाए तो गर्भधारण करने में समस्या आना, बांझपन, नवजात शिशु में तंत्रिका तंत्र संबंधी गड़बड़ी होने का खतरा बढ़ जाता है। आयोडीन मानव शरीर के लिए माइक्रो न्यूट्रिएंट है, जो थाइरॉइड हार्मोन के निर्माण के लिए जरूरी है। ऑयोडीन डेफिशियंसी, ऑयोडीन तत्व की कमी है। यह हमारी डाइट का एक जरूरी पोषण है। ऑयोडीन की कमी से हाइपो थायरॉइडिज्म हो जाता है।
घेघा रोग की संभावना
संजय गांधी हॉस्पिटल के सीएमओ डॉ. यात्नेश ने कहा, ऑयोडीन की कमी के कारण लोगों में घेंघा रोग हो जाता है। इसके लिए शासन स्तर पर राष्ट्रीय कार्यक्रम चलाए गए। ऑयोडीन की मात्रा बढऩे से अब लोगों को ऐसे रोगों से लडऩे की क्षमता बढ़ गई है