संभाग में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमियों (एमएसएमई) को ईसीएसजीएस की इस योजना से लाभ देने की तैयारी है। एक दिन पहले उद्योगों में प्रवासियों को रोजगार देने के उद्देश्य को लेकर कमिश्नर डॉ. अशोक भार्गव ने जिला व्यापार एवं उद्योग विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा की। इस दौरान एमएसएमई योजना पर भी चर्चा की गई। जिसमें शासन की गाइड लाइन के तहत उद्योग विभाग के अधिकारियों ने योजना को अमली जामा पहनाने की कवायद शुरू कर दी है।
उद्योग विभगा संभाग में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमियों (एमएसएमई) को चिह्ंित करने में जुटा है। सबसे अधिक सतना जिले में 300 से अधिक एमएसएमई है। क्रशर प्लांटों को छोड़ दे तो 200 से अधिक अन्य उद्योग एमएसएमई में शामिल हैं। इसी तरह क्रशर प्लांट सहित रीवा में 250 से अधिक हैं। जिसमें 150 लाभ लेने की तैयारियां प्रारंभ कर दी है। इसी तरह सीधी में 70 और सिंगरोली में बृहद परियोजनाओं को छोड़ दे तो 100 से अधिक एमएसएमई स्थापित हैं।
ईसीएसजीएस (इमर्जेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना) के तहत एमएसएमई कर्ज देने की छूट दी गई है। इस योजना के तहत में 25 करोड़ रुपए तक का कर्ज बकाया एमएसएमई कोमौजूदा कर्ज के अधिकतम 20 फीसदी कर्ज दिए जाने का ब्लू प्रिंट तैयार किया गया है। इस योजना में डिफाल्टरों को भी लाभ देने की तैयारी है। इसके अलावा अलावा उद्योग विभाग भवन व मशीनरी पर पचास फीसदी सब्सिडी में छूट देगा।
उद्योग विभाग इस योजना के तहत जो भी उद्यमी आएंगे उनको 50 प्रतिशत सब्सिडी की छूट देगा। पहले अकेले भवन में सब्सिडी मिलती थी अब भवन एवं मशीनरी दोनों में छूट दी जाएगी। योजना के तहत पहले पांच किस्तो में सब्सिडी का लाभ मिलता था अब चार किस्तों में लाभ ही दिया जाएगा।
यूबी तिवारी, महाप्रबंधक, जिला व्यापार एवं उद्योग विभाग