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पत्रिका अमृतम् जलम् : बिछिया को बचाने भगीरथ बने बाराती, नदी में बढ़ा पानी का बहाव

पत्रिका अमृतम जलम अभियान ‘आओ भगीरथ बने, स्लोगन के तहत शहर के लक्ष्मणबाग और किला के बीच स्थित बिछिया पुल के पड़ोस में नदी की सफाई की गई

रीवाJun 16, 2019 / 09:15 pm

Rajesh Patel

Magazine Amritam Jalam: Save the Bichia

Magazine Amritam Jalam: Save the Bichia

रीवा. शहर की जीवनदायनी-प्राणदायनी नदी बिछिया के प्रवाह को अविरल बनाने रविवार को बाराती भी भगीरथ बने। बिछिया पुल के पास पक्के घाट पर पत्रिका अमृतम जलम अभियान के अंतर्गत बिछिया को बचाने सामाजिक संगठन, समाजसेवियों, शिक्षाविद के साथ युवा नदी में कूदकर जलकुंभी निकालने में जुटे रहे।
नदी को बचाने के लिए श्रमदान शुरू कर दिया

पत्रिका अमृतम जलम अभियान ‘आओ भगीरथ बने, स्लोगन के तहत शहर के लक्ष्मणबाग और किला के बीच स्थित बिछिया पुल के पड़ोस में नदी की सफाई की गई। इस रविवार को सुबह ६ बजे जैसे ही नदी सफाई चालू हुई कि, घाट पर स्नान करने पहुंचे दर्जनों की संख्या में बाराती भी नदी को बचाने के लिए श्रमदान शुरू कर दिया। कइ बारातियों ने तो सामाजिक संगठन के सदस्यों के साथ नदी में कूद कर जलकुंभी भी निकाली। हर बार की तरह इस बार भी करीब दो घंटे तक श्रमदान कर करीब एक ट्राली जलकुंभी नदी से निकाली गई। इस दौरान श्रमदान करने वालों का उत्साह देखते बन रहा था।
नदी में कचरा नहीं करने का लिया संकल्प

पक्के घाट के आस-पास के लोग सुबह स्नान के लिए पहुंचे तो अभियान की सराहना की और उन्होंने नदी में कचरा नहीं करने का संकल्प लिया। इस दौरान सर्व कल्याणकारी ब्राह्मण संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित राजीव शुक्ल सहित कई अन्य संगठनों के सदस्य बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। अध्यक्ष ने कहा कि नदियों को बचाने के लिए शहर के लोगों को आगे आना चाहिए। इस नदी के पानी से लाखों लोगों का गला तर हो रहा है। लेकिन इसकी सफाई भी हम सबके जिम्मे हैं। उन्होंने पत्रिका अभियान की सराहना की।
इन्होंने किया श्रमदान
एसपी श्रीवास्तव, अर्थव, प्रभाकर ङ्क्षसह, प्रांजलि सिंह, अमित मिश्र, भोले मिश्र, जितेन्द्र त्रिपाठी, जय प्रकाश गौतम, अरुणेश उपाध्याय, अनीता पांडेय, अंकित कौशल सहित बारात में आये शिवम, नकुल सोंधिया, रामानुज, रामकरन, रघुनंदन, शिवा, शुभम, राजनाथ, अनिल सहित आधा सैकड़ा से अधिक लोग नदी सफाई में शामिल हुए।
श्रेया ने भी किया श्रमदान
पक्के घाट पर जैसे ही नदी से जलकुंभी बाहर निकालने का काम शुरू हुआ सामाजिक संगठन पर्यावरण वाहिनी के सदस्यों के साथ घाट पर पहुंची आठ वर्षीया श्रेया भी उत्साहित होकर श्रमदान शुरू कर दिया। श्रेया तगाड़ी में जलकुंभी लेकर सीढिय़ों पर दौड़ती नजर आयी। श्रेया का उत्साह श्रमदान के लिए देखते बन रहा था। श्रेया के उत्साह को सभी ने सराहा।

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