दुष्प्रभाव होने का आज तक कोई मामला सामने नहीं आया है। इसलिए लोग अपने मन में किसी भी प्रकार का भ्रम न पालें और इससे होने वाले दुष्प्रभाव की अफवाहों से दूर रहें। बीमारियों से बचाव के लिए अभिभावक अपने बच्चों का निर्भय होकर शत.प्रतिशत टीकाकरण करायें और इस महा अभियान में अपना अमूल्य सहयोग करें।
कमिश्नर डॉ भार्गव ने कहा कि खसरा-रूबेला टीकाकरण कार्यक्रम दुनिया के 165 देशों में चल रहा है और 123 देश खसरा.रूबेला की बीमारी से पूरी तरह मुक्त हो चुके हैं। भारत के 28 राज्यों में इस टीकाकरण का कार्य पूर्ण हो चुका है जिसमें 23 करोड़ बच्चों को सफलतापूर्वक टीके लगाए जा चुके हैं।
मध्य प्रदेश में अभी तक एक करोड़ 15 लाख बच्चों को टीका लगा है जिसमें किसी तरह की कोई अप्रिय घटना एवं दुष्प्रभाव का मामला सामने नहीं आया है। इस संबंध में लोग किसी तरह का भ्रम न पालें। पूरी दुनिया में अब तक 700 मिलियन बच्चों को यह टीका लग चुका है। कहीं से भी कोई दुष्प्रभाव पढऩे संबंधी घटना का मामला सामने नहीं आया है। अतरू लोग इस टीकाकरण के प्रति किसी भी तरह का भ्रम न फैलायें। टीका पूरी तरह सुरक्षित है और जानलेवा एवं संक्रामक रोगों से मुक्त करता है।
कमिश्नर ने कहा कि अभिभावक अपने बच्चों को टीकाकरण के पूर्व खाली पेट न भेजें। वे चाहें तो बच्चों को टीका लगवाने के लिए टीकाकरण स्थल पर साथ आ सकते हैं। उन्होंने शिक्षकों से कहा है कि प्रत्येक बच्चे को टीकाकरण के बाद 30 मिनिट तक अपनी निगरानी में रखकर आराम करायें। कोई भी परेशानी होने पर चिकित्साधिकारीए एएनएम या स्कूल नर्स को सूचित करें।
कमिश्नर ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि खसरा एक जानलेवा रोग है जो वायरस से फैलता है। खसरा रोग के कारण बच्चों में विकलांगता या उनकी असमय मृत्यु हो सकती है। इसी तरह रूबेला वायरस बच्चों एवं स्त्रियों में संक्रमण पैदा करता है जो बच्चों को जन्म से ही विकलांग बना सकता है। इन रोगों से बचने का टीकाकरण ही एक मात्र उपाय है। अतरू टीकाकरण के लिए लोग जागरूक होकर अपने बच्चों को शत.प्रतिशत टीकाकरण कराएं।