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रीवा

कमलनाथ के मंत्री को आखिर किन जातियों में दिखा भ्रष्टाचार, पूरे प्रदेश में फाइल खंगालने के निर्देश

– मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम में शिकायतों विसंगतियों की शिकायत के बाद मांगी गई जानकारी- मंत्री के निर्देश पर होनी है कार्रवाई, आचार संहिता के चलते असमंजस में अधिकारी

रीवाMar 14, 2019 / 12:17 pm

Mrigendra Singh

रीवा। जातियों का मुद्दा अब केवल चुनावी मौसम तक सीमित नहीं है, सरकार भी इस पर गंभीरता से ले रही है और अपने राजनीतिक फायदे के हिसाब से प्रशासन से जवाब भी तलब कर रही है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल की नोटसीट के आधार पर मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम परिषद ने रीवा सहित प्रदेश के सभी जिला पंचायत सीइओ को पत्र लिखकर जानकारी मांगी है। जिसमें कहा गया है कि मध्यान्ह भोजन वितरण से जुड़े स्व सहायता समूहों में किन जातियों के लोगों को अधिक संख्या में शामिल किया गया है, इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
बताया गया है कि मंत्री ने पूर्व की सरकार के समय मध्यान्ह भोजन वितरण की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा है कि पूर्व में जाति विशेष के लोगों को कार्य देकर भ्रष्टाचार किया गया है। इसके परिपालन में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम परिषद के राज्य समन्वयक जसवीर सिंह चौहान का पत्र जिला पंचायत सीइओ के पास आया है। जिसमें कहा गया है कि सभी स्व सहायता समूहों का परीक्षण किया जाए और रिपोर्ट भेजी जाए ताकि मंत्री को वस्तु स्थिति से अवगत कराया जा सके। मंत्री ने किस जाति पर निशाना साधा है, यह स्पष्ट नहीं है लेकिन उनके निर्देश के बाद प्रदेश भर से जानकारियां मंगाई जा रही हैं।
इसलिए माना जा रहा है कि यह मामला राजनीतिक मुद्दा बनेगा और विपक्ष इस पर सरकार को घेरने की रणनीति भी तैयार कर सकता है।
सप्ताह भर के भीतर मांगी रिपोर्ट
जिला पंचायत सीइओ के नाम ७ मार्च को पत्र जारी किया गया है। जिसमें सप्ताह भर के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है। इसके अनुसार 14 मार्च तक रिपोर्ट भेजी जानी थी लेकिन अब तक जिला पंचायत के मध्यान्ह भोजन शाखा द्वारा किसी तरह की कार्रवाई प्रारंभ नहीं की गई है। साथ ही पूरे मामले में अनभिज्ञता भी जाहिर की गई है। वहीं लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता प्रभावी होने के चलते अधिकारी, कर्मचारी चुनाव की तैयारियों में व्यस्त हो गए हैं, इसलिए माना जा रहा है कि इसका जवाब समय पर नहीं भेज पाएंगे।

गणवेश वितरण पर भी जता चुके हैं नाराजगी
मंत्री कमलेश्वर पटेल की नोटसीट में मध्यप्रदेश राज्य आजीविका मिशन में हुई अनियमितता का भी हवाला दिया गया है। जिसमें स्कूली छात्रों के गणवेश निर्माण का कार्य वास्तविक स्व सहायता समूहों से न करवाया जाकर अन्य बाहरी संस्थाओं से कराया गया है। बता दें कि रीवा में भाजपा के एक नेता की संस्था को गणवेश वितरण की जिम्मेदारी दी गई है। जिसमें व्यापक रूप से अनियमितता की शिकायतें आई हैं। शिक्षण सत्र समाप्ति की ओर है लेकिन अब तक सभी छात्रों को गणवेश वितरण नहीं हो सका है।

शासन को भेेजेंगे जानकारी
जिला पंचायत रीवा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एसएस मीणा ने पत्रिका को बताया कि हाल ही में ज्वाइनिंग की वजह से शासन के सभी पत्राचारों की जानकारी नहीं मिल पाई है। यदि जिला पंचायत में पत्र आया है तो बिन्दुओं के आधार पर जानकारी भेजी जाएगी।
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