जिले में भू-स्वामियों की 22.61 लाख से अधिक खसरा नंबर हैं। जिसको राजस्व विभाग के डिजिटल नक्शे पर तरमीम किया जाना है। करीब चार साल पहले डिजिटल नक्शा की कवायद शुरू की गई थी। राजस्व विभाग की शिथिलता के चलते अभी तक 86 हजार खसरा नंबरों का नक्शा तरमीम हो चुका सका है। जबकि अभी 62 फीसदी खसरा नंबरों का नक्शा तरमीम नहीं हो पाया है। जिससे भू-स्वामियों की जमीन का नक्शे पर हिस्सा निर्धारित नहीं हो पा रहा है।
राजस्व रेकॉर्ड के अनुसार राजस्व विभाग के नक्शे वर्ष 1972 में बनाए गए थे। तब से लेकर अब तक लाखों की संख्या में खसरा नंबर के बटांकन बढ़ गए हैं। पुराने पैमाने पर तैयार किए गए डिजिटल नक्शे पर खसरा नंबरों को तरमीम किए जाने की प्रक्रिया नहीं हो पा रही है। हैरान करने वाली बात तो यह कि विशेष अभियान के दौरान खसरा नंबरों को अपडेट किए जाने की कार्रवाई ठप हो गई है। प्रक्रिया बंद होने के चलते नक्शा तरमीम नहीं हो पा रहा है। जिससे भू-स्वामियों के सीमांकन प्रभावित हो रही हैं। उदाहरण के तौर पर विवादित भूमि का बंटवारा बगैर नक्शे के नहीं हो पा रहे हैं। खसरा नंबरों को बढ़ जाने से नक्शे तैयार करने में दिक्कत हो रही है। नक्शे पर खसरा नंबर अपडेट नहीं होने से भू-स्वामियों के बीच रार बढ़ रही है।
खसरा नंबरों के नक्शा तरमीम को लेकर राजस्व विभाग के अधिकारी और कर्मचारी एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं। पटवारियों का तर्क है कि अब नक्शा तरमीम की कार्रवाई ऑनलाइन होने लगी है। आनलाइन प्रक्रिया का पासवर्ड तहसीलदारों के पास है। पहले पटवारी नक्शा तरमीम करते थे, लेकिन अब नक्शा तरमीम की कार्रवाई सिर्फ तहसीलदारों के हाथ में है।
पुराने पैमाने पर बनाए गए नक्शे में अब पांच डिसमिल से कम की जमीन के खसरा नंबरों का नक्शा तरमीम नहीं हो पा रहा है। राजस्व निरीक्षकों के अनुसार खसरे में बटांकन नंबर बढ़ गए हैं। नक्शे छोटे होने के कारण पांच डिसमिल से कम की जमीन का तरमीम नहीं हो पा रहे हैं। नए सिरे से डिजिटल नक्शे तैयार किए गए हैं।
फैक्ट फाइल
कुल खसरा नंबर 2261945
डिजिटल नक्शे पर अपडेट नहीं 1402473
वर्जन…
डिजिटल नक्शा तरमीम की प्रक्रिया चल रही है। साफ्टवेयर में अपडेट किए जाने के कारण प्रक्रिया कुछ दिन के लिए शिथिल थी। जल्द ही नक्शा तरमीम की कार्रवाई पूरी की जाएगी।
जितेन्द्र त्रिपाठी, तहसीलदार, हुजूर