scriptप्रदेश सरकार कांग्रेस की-निगम भाजपा के हवाले, जनता का बदहाली से सामना, जनता के इन मुद्दों पर सबकी चुप्पी | municipal corporation rewa and mp govt controversy | Patrika News
रीवा

प्रदेश सरकार कांग्रेस की-निगम भाजपा के हवाले, जनता का बदहाली से सामना, जनता के इन मुद्दों पर सबकी चुप्पी

– दोनों प्रमुख दल एक-दूसरे पर आरोप लगाकर अपने दायित्व से झाड़ रहे पल्ला- मेयर इन काउंसिल और निगम आयुक्त के विवाद में जनता के मुद्दे छूट रहे पीछे

रीवाNov 18, 2019 / 12:14 pm

Mrigendra Singh

रीवा। शहर का विकास बीते कुछ महीनों से राजनीतिक उदासीनता की वजह से ठहर सा गया है। व्यवस्थाएं बदहाली की ओर बढ़ रही हैं। जनप्रतिनिधियों की ओर शहर के विकास के लिए आवाज नहीं उठ रही है, हालात यह बन गए कि अधिकारी अपनी मर्जी के अनुसार कार्यों का संचालन कर रहे हैं। बीते कई वर्षों से लगातार सत्ता की मलाई चखने वाले भाजपा के नेता तो यह कह कर जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं कि प्रदेश में सरकार कांग्रेस की है।
सरकार काम नहीं करने दे रही, बल्कि जांच के नाम पर लगातार रोड़े अटकाए जा रहे हैं। वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस जो लगातार जनता के मुद्दों को लेकर मुखर रही है, उसके नेता रीवा शहर का विकास नहीं होने पर दलील दे रहे हैं कि नगर निगम में भाजपा का कब्जा है, शहर का विकास उनकी जिम्मेदारी में है। शहर के विधायक भी भाजपा के हैं। दोनों प्रमुख दलों के इस रवैए का असर जनता पर पड़ रहा है।
शहर में मिलने वाली मूलभूत सुुविधाओं के लिए लोगों को भटकना पड़ रहा है। सीवरेज प्रोजेक्ट के निर्माण के चलते सड़कों का सत्यानाश किया जा रहा है तो दूषित पानी सप्लाई बढ़ती जा रही है। सफाई, बिजली जैसी समस्याएं भी पहले की तुलना में बढ़ गई हैं।
महापौर और एमआइसी अपनी पीड़ा में
सरकार बदलने का सीधा असर महापौर और मेयर इन काउंसिल पर पड़ा है। शपथ लेने के तत्काल बाद मुख्यमंत्री ने रीवा, छिंदवाड़ा और ग्वालियर के नगर निगमों की जांच के लिए टीमें भेज दी। भोपाल से टीम आई और वर्ष २०१५ से लेकर अब तक के एमआइसी और टेंडर की फाइलें अपने साथ ले गई। कई महीने तक निर्माण कार्य ठप रहे। बाद में फाइलें मंगाई गई। महापौर को नोटिस दी गई और वह भी जवाब में उलझी रहीं। इस दौरान सरकार द्वारा कराई गई जांच का हवाला देते हुुए निगम आयुक्त ने एमआइसी के सदस्यों को पद से पृथक करने का प्रस्ताव भेज दिया। ये सब अब अपनी ही पीड़ा से परेशान हैं, जनता के मुद्दों पर इनकी ओर से कोई बयानबाजी भी नहीं हो रही है।

– स्कीम छह का भी निकला जिन्न
पूर्व में नगर निगम और प्रदेश में भाजपा की सरकार लंबे समय तक रही है। इसका जनता को फायदा भी हुआ है तो वहीं सत्ता के मद में नेताओं ने मनमानी भी व्यापक रूप से कराई। नेताओं के संरक्षण में नगर निगम के पूर्व के अधिकारियों ने ९२ एकड़ भूमि की इस स्कीम पर पूरी अवैध कालोनी बसा डाली। निगम आयुक्त ने इसकी जांच कराई तो कई अधिकारियों का नाम सामने आया। एमआइसी उन अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं करने के लिए अड़ गई। जिसके चलते मामला व्यापक होता गया और प्रमुख सचिव तक को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा। कलेक्टर अब इसकी जांच करा रहे हैं।

– ये मुद्दे हो गए गायब
अस्पताल की बदहाली- संजयगांधी अस्पताल की बदहाली को लेकर कांग्रेस पहले से मुखर रही है। लगातार आंदोलन होते रहे लेकिन अब खामोश हैं। भाजपा नेता अब भी सरकार का हिस्सा खुद को मान रहे हैं, इसलिए वह भी चुप्पी साधे हुए हैं।
पुनर्घनत्वीकरण – शहर में पुनर्घनत्वीकरण योजना बड़ा राजनीतिक मुद्दा रहा है। अधिकांश प्रोजेक्ट समदडिय़ा बिल्डर्स को मिले, जिसका सड़कों पर कांग्रेस ने विरोध किया। यहां तक की रीवा आए राहुल गांधी ने भी कहा कि उनकी सरकार आई तो जांच होगी।
लक्ष्मणबाग- लक्ष्मणबाग में गौशाला संचालित करने के मामले में कांग्रेस की ओर से कई आंदोलन हुए। इसे तीर्थ स्थल बनाने का दावा करने वाले भाजपाई भी सत्ता बदलते ही खामोश हो गए। इसके संरक्षण की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।
—-
इन कार्यों पर भी पड़ा असर
पेयजल- शहर में पेयजल बड़ी समस्या के रूप में रहा है। अमृत एवं मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना से कार्य हुए फिर भी पानी की समस्या बनी हुई है। कई हिस्सों में पानी नहीं पहुंच रहा है, कुछ जगह अब भी दूषित पानी की सप्लाई हो रही है। राजनीति के दोनों पक्ष खामोश हैं।
सड़क– शहर की नई बसाहट में अब भी सड़कों की बड़ी जरूरत है। जिसे निगम नहीं बनवा पाया है। सीवरेज, पानी की पाइपलाइन बिछाने के नाम पर आधे शहर की सड़कें खोदकर छोड़ दी गई। इस बदहाली पर जनता के नुमाइंदे चुप्पी साधे हुए हैं।
बिजली— स्ट्रीट लाइट के नाम पर पहले बड़े पैमाने पर घपला होता रहा है। २१ करोड़ के नए प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार की जांच शुरू हो गई है। मोहल्लों में जहां लाइट खराब हो रही है, वहां दोबारा लगाने में मनमानी चल रही है।
आवास योजना- प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर गरीबों एवं मध्यमवर्गीय परिवारों को बड़ी उम्मीद थी। मकान भी बनाए गए लेकिन आवंटन में पेच फंस गया है। भाजपा के नेताओं ने सभी दो लाख में इडब्ल्यूएस मकान देने का आश्वासन दिया था। जबकि यह केवल स्लम बस्ती के लोगों की योजना है। १९४० लोगों को मकान आवंटन नहीं हो रहा है, तो वे रुपए मांग रहे हैं।
स्वच्छता— स्वच्छता को लेकर पहले जहां सभी जनप्रतिनिधि सक्रिय रहते थे, वहीं अब चुप्पी साधे हुए हैं। डोरटूडोर कचरा कलेक्शन में कंपनी की मनमानी चरम पर है। विधायक, महापौर या फिर अन्य ने इस पर किसी तरह का प्रयास नहीं किया है। जबकि पहले सभी सक्रिय रहते थे।
अतिक्रमण- शहर की सड़कों पर तेजी के साथ अतिक्रमण हो रहा है। इसमें अभी रोक नहीं लगाई जा रही है, आने वाले दिनों में प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगा। सड़कों के किनारे पहले गुमटी रखकर और बाद में पक्की दुकानें बनाकर कब्जे किए जा रहे हैं।


प्रदेश की सरकार ने रीवा के विकास का नहीं बल्कि बदले का रास्ता चुना है। शहर का विकास अवरुद्ध हो रहा है। पूर्व में गरीबों के लिए आवास तो हमने बनवा दिया था, लेकिन अब अधिकारियों की मनमानी से मकानों का आवंटन नहीं हो पा रहा है। पूर्व की भाजपा सरकार ने विकास में कभी राजनीतिक विचारधारा को रोड़ा नहीं बनने दिया, सबको लाभ मिला। अब परेशानी बढ़ाई जा रही है।
ममता गुप्ता, महापौर

कांग्रेस की सरकार आई तो उन नेताओं की कलई खुलने लगी है जो विकास के नाम पर भ्रष्टाचार कर रहे थे। पहले शिकायतें दबाई जाती थी, अब जांच होती है। लोकसभा चुनाव के बाद ही ३५ करोड़ के टेंडर हुए हैं, अधूरे कार्यों को पूरा कराया जा रहा है। पूर्व के अधिकारियों और भाजपा के नेताओं ने शहर को गुमराह कर आवास योजना में झूठ बोला था। विकास के मुद्दे पर कांग्रेस पार्षद लगातार मुखर रहेंगे।
अजय मिश्रा बाबा, नेता प्रतिपक्ष नगर निगम

हमारा फोकस कार्य पर है। फरवरी महीने के पहले केवल ३६ लोगों के बीएलसी मकान बने थे, हमने १४०० के पूरे कराए। एएचपी घटक के मकानों का कार्य शुरू हुआ था, दो हजार का निर्माण पूरा हो चुका है। यदि विकास अवरुद्ध होने के आरोप कोई लगा रहा है तो हम आंकड़े जारी कर बताएंगे कि कितना काम हुआ है। जनप्रतिनिधियों के हर सुझाव पर अमल करता हूं, उनके पत्रों का जवाब भी भेजता हूं ताकि जानकारियां स्पष्ट रहें।
सभाजीत यादव, आयुक्त नगर निगम

Home / Rewa / प्रदेश सरकार कांग्रेस की-निगम भाजपा के हवाले, जनता का बदहाली से सामना, जनता के इन मुद्दों पर सबकी चुप्पी

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो