जिले में हर रोज बस परिचालक और सवारियों के बीच झगड़ा की खबर आ रही है। उदाहरण के तौर पर सुबह 7.45 बजे प्रयागराज से रीवा के लिए बस नंबर एमपी-१८ सी ६६५७ (पक्षीराज) सवारियों को भर कर आ रही थी। 52 सीटर बस पर 88 सवारियों को ठूस-ठूस कर भरा था। बस चालक के केबिन में परिचालक और चालक के बजाए बौनट पर 13 सवारियों भरा था। बस जैसे ही नारीबारी पहुंचीं। यहां भी परिचालक ने एक महिला और दो पुरूष यात्रियों को यह कहकर चढ़ाया कि सीट मिल जाएगी।
तीनों यात्री बस पर सवार हुए तो, प्रयागराज से सीट नंबर 6,7 और 8 नंबर यात्रा कर रहे सवारियों को उठाकर दूसरे को बिठा दिया। उठाने को लेकर परिचालक से कहासुनी हो गई। इस दौरान यात्रियों ने कहा, १८ लोगों को सीट पर बैठने का टिकट दिया है। 12 लोगों को ही सीट मिली है। चार लोग एक दूसरे के गोद में बैठ कर यात्रा कर रहे हैं। दो लोगों को बौनट पर बैठाए हो। चलती बस पर परिचालक से कहा सुनी होने लगी।
बस चाकघाट बार्डर पर पहुंची तो परिचालक ने यात्रियों को फटकारा और कहा पंचायत मत करो। तुमने मेरी बोहनी खराब कर दी। परिचालक ने सवारियों को अपशब्दो का भी प्रयोग करते हुए खड़े रहने को कहा। इस दौरान साथ में यात्रा कर रहीं महिलाओं को शर्मशार होना पड़ा। आस-पास बैठे लोगों के पूछने पर सवारियों ने बिहार से आने को बताया। बिहार से प्रयागराज तक ट्रेन से आए, इसके बाद वह बस से रीवा आ रहे थे।
रीवा से प्रयागराज के लिए आधा दर्जन से अधिक बसे चलती हैं। 52 सीटर पर बस पर 60 से 80 सवारियों को ठूस-ठूसकर परिवहन कर रहा रहे हैं। जबकि सीट से अतिरिक्त बैठने पर 1500रुपए प्रति सवारी जुर्माना लगाने का प्रावधान हैं। जुर्माना 1020 रुपए से कम नहीं होगा।
पक्षीराज, प्रयागराज सहित ज्यदातर बसों में ट्रासपोर्ट की चलने वाली बसों में न तो किराया लिस्ट चस्पा है और न ही फास्ट-एड बाक्स लगे हैं। रीवा नए बस स्टैंड से चलने वाली बसें आरटीओ कार्यालय के सामने और बैरियर को पास करने के बाद ही गन्तव्य को जाती हैं।
बसों में परमिट के शर्तों के अनुसार एक भी सुविधाएं नहीं हैं। बस में यात्रा के लिए न तो महिलाओं के लिए सीट आरक्षित की गइ्र है और न ही इमर्जेंसी खिडक़ी लगी है। खिडक़ी की जगह सीट लगा दी गई है। दो दरवाजे तो लगाए गए हैं, लेकिन दरवाजे बस चलते समय कब टूट जाएंगे, इसका भरोसा नहीं है।
रीवा-प्रयागराज मार्ग पर चलने वाली ज्यादातर बसें यात्रियों के लगेज के नाम पर लोहा, किराना, महुआ, गल्ला, सब्जी सहित अन्य का सामग्री का परिवहन करते हैं। मंगलवार को पक्षीराज की बस एमपी-१८ सी ६६५७ पर भारी मात्रा में बस की छत पर सामान लोड किया गया था। जबकि सवारियों भी डेढ़ गुना अधिक भरी रहीं।