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रीवा

अफसर और नेता भिड़े तो कर्मचारियों ने रोका काम, शहर में गंदगी का लगा अंबार

नगर निगम में संबल योजना का कार्ड वितरित करने को लेकर हुआ था बवाल

रीवाAug 21, 2018 / 12:30 pm

Mrigendra Singh

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nigam corporation controversy rewa madhyapradesh

रीवा। नगर निगम के कर्मचारियों ने मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। शहर में सफाईकर्मियों ने झाडू नहीं लगाई जिसके चलते हर ओर कचरा ही कचरा नजर आ रहा है। कर्मचारियों ने निगम कार्यालय में तालाबंदी कर विरोध शुरू कर दिया है। इनका आरोप है कि कांग्रेस के पार्षदों ने अभद्रता की है, उन्हें गिरफ्तार किया जाए, अन्यथा वह हड़ताल जारी रखेंगे।
एक दिन पूर्व संबल योजना के कार्ड वितरण को लेकर जमकर बवाल हुआ। कांग्रेस पार्षदों और अफसरों के बीच शुरू कहासुनी में कर्मचारी भी कूद पड़े हैं। जनप्रतिनिधियों पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए कर्मचारियों ने निगम कार्यालय में तालाबंदी कर नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे की जानकारी मिलते ही एसडीएम और सीएसपी भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे और दोनों पक्षों को शांत कराने का प्रयास किया। जब मामला नहीं सुलझा तो कर्मचारी और पार्षद एक साथ सिविल लाइन थाने पहुंचे और एक-दूसरे के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई।
ऐसे शुरू हुआ विवाद
वार्ड-29 के लोगों को मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना के तहत सोमवार को कार्ड बांटा जा रहा था। इसी बीच किसी का फोन आया तो निगमकर्मियों ने वितरण बंद कर दिया। इसकी जानकारी लगते ही नेता विपक्ष अजय मिश्रा, वार्ड 29 के पार्षद रामप्रकाश तिवारी, वार्ड 15 के पार्षद अशोक पटेल ने विरोध शुरू कर दिया। इस दौरान भाजपा जिला अध्यक्ष विद्याप्रकाश श्रीवास्तव पहुंच गए, लोगों ने उन्हें रोका तो कहा कि वह निजी काम से आए हैं। उन्होंने महापौर से बात कर कहा कि समस्या का समाधान कराएं। कुछ देर बाद ही महापौर पहुंची और कहा कि अपने सामने कार्ड वितरित कराएंगी।
आयुक्त के भड़कने पर बढ़ा विवाद
महापौर ममता गुप्ता हितग्राहियों को योजना की जानकारी दे रहीं थी। इसी बीच आयुक्त आरपी सिंह भी पहुंचे। जिनसे पार्षद रामप्रकाश ने कहा, कई बार फोन लगाया लेकिन रिसीव नहीं हुआ। इतने में आयुक्त भड़क गए और कहा कि तुम चार बार अभद्र तरीके से पेश आ चुके हो, सुधर जाओ। इतना सुनते ही पार्षद एवं उनके समर्थक नाराज हो गए और नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ देर बाद नेता विपक्ष और पार्षदों के साथ सीधे महापौर के चेंबर में जा पहुंचे और आयुक्त पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, जनप्रतिनिधि के साथ इस तरह का बर्ताव ठीक नहीं है। इस बीच कार्यपालन यंत्री शैलेन्द्र शुक्ला के साथ भी कहासुनी हुई। जिसके बाद कर्मचारी भी उग्र हो गए और कहा कि इस तरह के माहौल में वह काम नहीं कर पाएंगे।
आयुक्त ने कहा, जूता मारने को बोला गया
निगम आयुक्त ने एसडीएम और सीएसपी को बताया कि कांग्रेस के पार्षदों ने उन्हें जूता मारने के लिए बोला है। इस कारण कर्मचारियों ने भी विरोध किया तो उनके साथ भी अभद्रता की गई। जिसके चलते कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी है, उनसे काम पर लौटने की अपील की जा रही है।

नगर निगम में अराजकता का माहौल है, जनता समस्याएं लेकर भटक रही है। अधिकारी पार्षदों के फोन नहीं उठाते और फिर अभद्रता के साथ पेश आते हैं। कांग्रेस पार्षदों की ओर से किसी तरह का दुव्र्यवहार नहीं किया गया है, अधिकारियों ने ही कर्मचारियों को आगे कर विवाद उत्पन्न किया है। जनता की आवाज वह नहीं दबा सकते, आगे भी अन्याय के विरुद्ध बोलते रहेंगे।
अजय मिश्रा, नेता विपक्ष नगर निगम

संबल योजना का कार्ड वितरण निगरानी समिति के सामने होना है। पार्षदों को किसी ने रोका नहीं है। हमने तो स्वयं ही अधिकारियों से कहा है कि पार्षदों को बुलाकर कार्ड वितरित करें। जिस तरह की भाषा का प्रयोग हुआ उसे उचित नहीं कहा जा सकता। शासन की महत्वपूर्ण योजना है, हमारा लक्ष्य हितग्राहियों तक लाभ पहुंचाने का है।
ममता गुप्ता, महापौर
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कर्मचारियों ने काम बंद कर शुरू की नारेबाजी
निगम के कर्मचारियों ने इस विवाद के बाद कार्यालय में तालाबंदी कर दी और हड़ताल पर जाने का ऐलान करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। कर्मचारियों ने कहा कि उनके साथ आए दिन अभद्रता हो रही है, कुछ पार्षदों की ओर से अनैतिक दबाव बनाए जा रहे हैं। जब तक उनकी सुरक्षा का भरोसा नहीं मिलेगा वह काम नहीं करेंगे। इसके कुछ देर बाद ही शहर कांग्रेस अध्यक्ष गुरमीत सिंह मंगू, लखनलाल खंडेलवाल, नजमा बेगम, मो. अकरम, धनेन्द्र सिंह, दिवाकर द्विवेदी, अनूप सिंह चंदेल, कुलवंत सिंह, मनोज अग्रवाल सहित अन्य कई कांग्रेसी पहुंचे और इनकी ओर से भी नारेबाजी शुरू कर दी गई।
दो पार्षदों के विरुद्ध की शिकायत
नगर निगम श्रमिक कर्मचारी परिषद द्वारा पार्षद रामप्रकाश तिवारी एवं नेता विपक्ष अजय मिश्रा के विरुद्ध पुलिस को शिकायत दी गई है। आरोप है कि कर्मचारियों के साथ गाली-गलौज एवं मारने की धमकी दी है। वहीं समयपाल खुशीनंद खरे ने आयुक्त से शिकायत की है कि वार्ड 29 के पार्षद ने उनके साथ अभद्रता की और शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न की है, इस कारण उनके विरुद्ध प्रकरण दर्ज कराया जाए।
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निगरानी समिति को लेकर चल रहा विवाद
संबल योजना के लिए पांच सदस्यों की निगरानी समिति गठित की गई है, जिसमें केवल भाजपा के सदस्यों को शामिल किया गया है। कई वार्डों के पार्षदों ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई है और कहा है कि हितग्राहियों को कार्ड उनके सामने वितरित किया जाए। भाजपा सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना है, इस कारण सरकार अपने पार्षदों और नेताओं के माध्यम से बंटवाना चाह रही है। अधिकारी भी उसी निर्देश का पालन कर रहे हैं और मंत्री एवं भाजपा नेताओं के हिसाब से वितरित करा रहे हैं। जिसको लेकर विवाद उत्पन्न हुआ है। वार्ड 29 के पार्षद रामप्रकाश तिवारी ने कहा, जब निगरानी समिति को बांटने का अधिकार है तो वार्ड 30 के पार्षद सतीश सोनी को कैसे 15 कार्ड अधिकारियों ने दे दिया।
आयुक्त एवं प्रभारी एसई के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत
कांग्रेस के पार्षद अजय मिश्रा, रामप्रकाश तिवारी की ओर से एसपी के नाम प्रेषित ज्ञापन सिविल लाइन थाना प्रभारी को दिया गया है। जिसमें नगर निगम आयुक्त आरपी सिंह एवं प्रभारी अधीक्षण यंत्री शैलेन्द्र शुक्ला पर गाली गलौज के साथ ही गुंडों को बुलाकर धक्कामुक्की कराने का आरोप लगाया है। आयुक्त के कहने पर उनके गनमैन द्वारा कार्बाइन बंदूक अड़ाने का भी आरोप है। सिविल लाइन थाना प्रभारी दिनेश जाटव ने बताया कि निगम कर्मचारियों और कांग्रेस नेताओं की ओर से आवेदन दिए गए हैं। जांच के बाद इस पर कार्रवाई की जाएगी।
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