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‘बसों के टायर में गोटिया तक नहीं हैं’
शहर में संचालित बसों में अनदेखी इस कदर है कि, बसों के टायर में गोटिया तक नहीं है। यही नहीं ज्यादा से ज्यादा सवारियां बैठाने के लिये आपातकालीन खिड़की के सामने सीट लगाकर भी यात्रियों को बैठाया जा रहा है। ओवरलोड सवारियों को बैठाकर बस संचालन करने का सिलसिला भी जौं का त्यों ही जारी है। आलम ये हैं कि, हादसे के तीसरे दिन भी रीवा में बसों का निरीक्षण तक नहीं किया गया। मनमानी इस कदर है कि, रीवा-सीधी, रीवा-चाकघाट और रीवा-सतना समेत आसपास के जिलों को जाने वाली बसें ओवरलोड सवारियां हो रही है।
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बस संचालकों की मनमानी पर किसी की नजर नहीं
हादसे के बाद नई गाइडलाइन बनाई गई, उसका भी पालन नहीं किया जा रहा है। नए और पुराने बस स्टैंड पर यात्रियों को बैठाने के लिए बस परिचालक सवारियों के साथ ज्यादती भी करते हैं। नंबर के चक्कर में सवारियों को पकड़कर एक दूसरी बसों पर बैठाने की कोशिश भी की जाती है। कई बार यात्री परेशान हो जाते, जिसके चलते यात्रियों और बस ड्रायवर-क्लीनर के बीच नोकझोंक तक हो जाती है।