रोंगटे खड़े कर देने वाली यह घटना जवा थाने के इटौरी गांव की है। त्योंथर तहसील के बड़ागांव हल्का में पदस्थ पटवारी श्रीनिवास माझी ने सोमवार की शाम करीब सात बजे घर में जहर का सेवन कर लिया था। कुछ देर उनकी हालत बिगडऩे लगी जिसके बाद परिजनोंं को घटना की जानकारी हुई। परिजन उन्हें इलाज के लिए शंकरगढ़ ले गए जहां से प्रयागराज उ.प्र. ले जाया गया। वहां पहुंचने पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। रात में ही परिजन शव को लेकर वापस गांव आ गए और सुबह सड़क में जाम लगा दिया। जाम की सूचना मिलते ही एसडीएम संजीव पाण्डेय, एसडीओपी समरजीत सिंह, तहसीलदार सहित भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। परिजन उनको पिछले तीन माह से वेतनन मिलने और 15 तारीख को हुए विवाद में पुलिस द्वारा कार्रवाई न करने का आरोप लगाकर हंगामा कर रहे थे।
मौकेे पर मौजूद पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने उनको समझाईश देकर शांत करवाने का प्रयास किया लेकिन वे कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। सुबह आठ बजे से शव को सड़क में रखकर बैठे दोपहर करीब एक बजे जाम खोलने को राजी हुए। मारपीट करने वाले आरोपियों पर कार्रवाई व जल्द वेतन दिलवाने का आश्वासन दिया गया। बाद में शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भिजवा दिया गया। पुलिस फिलहाल मर्ग कायम कर घटना की जांच कर रही है।
पटवारी ने सुसाइड नोट में एफआईआर दर्ज न होने और वेतन न मिलने की समस्या बताई है। 15 अक्टूबर को दूर्गा विसर्जन के दौरान गांव के कुछ लोगों ने उनके परिवार का विवाद हो गया था जिस पर आरोपियों ने उनके भाई रामबदन माझी के साथ मारपीट की थी। जब वे शिकायत दर्ज करवाने थाने गए तो पुलिस ने भगा दिया। इसके अतिरिक्त निलंबन अवधि का एरियर्स व जुलाई माह का वेतन नहीं मिला है।
इस घटना में जिला कलेक्टर इलैया राजा टी ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने दु:ख की इस घड़ी में पीडि़त परिवार को पचास हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की है। उन्होंने कहा कि पूरा राजस्व परिवार संकट की इस घड़ी में उनके साथ है। दिवंगत पटवारी के निलबंन और विभागीय जांच की कार्यवाही समाप्त होने के बाद नियमित वेतन भुगतान िकिया जा रहा था। उनकी दो वेतन वृद्धि अवरुद्ध करने संबंधी आदेश को आईएफएमएस पोर्टल में दर्ज करने पर तकनीकी कठिनाई के कारण दो माह का वेतन नहीं मिला था जिसके भुगतान की कार्यवाही की जा रही है।
जहर खाकर पटवारी ने आत्महत्या की थी जिस पर परिजन शव को रखकर जाम लगाए हुए थे। वे पुलिस पर मारपीट की कार्रवाई न करने और वेतन न देने का आरोप लगा रहे थे। परिजनों को निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया गया है। पूरे मामले की जांच की जा रही है। जांच में जो तथ्य सामने आयेंगे उस आधार पर आगे कार्रवाई की जायेगी।
समरजीत सिंह, एसडीओपी त्योंथर