जिले में वृद्धा पेंशन सहित छह प्रकार के 1.43 लाख पेंशनधारियों को हर माह पेंशन खाते में जारी की जा रही है। जिसमें करीब 20 हजार ऐसे पेंशनधारी हैं जिनके खाते में समय से पेंशन नहीं पहुंच रही है। ज्यादातर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन योजना के तहत जारी हो रही पेंशनधारियों की समस्या है। अधिकारियों का दावा है कि हर माह एक से दो तारीख तक पेंशन खाते में जारी कर दी जाती है।
सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों के अनुसार हर माह एक और दो तारीख तक हितग्राहियों के खाते में पेंशन जारी कर दी जाती है। नियम है कि हितग्राही को उसी माह में पेंशनराशि को आहरित करना है। पेंशन आहरित नहीं करने पर पेंशन बंद होने की संभावना बढ़ जाती है। विभाग को सूचना देने के बाद ही दोबारा पेंशन जारी होती है। जिले में बीस हजार से ज्यादा ऐसे पेंशनधारी हैं जिनके खातें राशि तीन माह तक पड़ी रहती है। समय से आहरित नहीं करने पर पेंशन प्रक्रिया प्रभावित हो जाती है।
जिले में चालू वित्तीय वर्ष यानी 2019-20 में हर माह आठ करोड़ रुपए से अधिक छह प्रकार की पेंशन योजनाओं पर राशि जारी की जा रही है। बीते वित्तीय वर्ष में 150 रुपए से लेकर अधितम 300 रुपए पेंशन जारी हो रही थी। चालू वित्तीय वर्ष में पेंशन 600 रुपए हो गई है।
गंगेव जनपद क्षेत्र के शिवसागर सिंह को वृद्धा पेंशन मिलती है। पिछले दो माह से पेंशन खाते में नहीं पहुंच रही है। इससे पहले हर माह खाते में पेंशन समय से पहुंच जाती थी। बुजुर्ग ने जनपद से लेकर सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों को सूचना दी है। इसके बावजूद समय से पेंशन जारी नहीं की जा रही है।
जवा क्षेत्र की शिवकली आदिवासी की वृद्धा पेंशन बढ़कर 600 रुपए हो गई। लेकिन, जून माह की पेंशन अभी खाते में नहीं पहुंची है। शिवकली ने अधिकारियों को आवेदन देकर बताया है कि अप्रैल व मई की पेंशन खाते में आयी है। जबकि जून माह की पेंशन अभी तक खाते में नहीं आयी है।
फैक्ट फाइल
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन 88663
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन 24887
सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना 20813
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय नि:शक्त पेंशन 3999
मानसिक बहुविकलांगता पेंशन 2449
कन्या अभिभावक पेंशन योजना 3092
हितग्राही हर माह पेंशन आहरित नहीं कर रहे हैं। जिससे यह समस्या आ रही है। हर माह एक और दो तारीख तक पेंशन खाते में जारी कर दी जाती है। नियम है कि उसी माह हितग्राही उस राशि का उपयोग कर ले। फिलहाल हमारा स्थानांतरण हो गया है।
सुचिता तिर्की बेक, संयुक्त संचालक, सामाजिक न्याय विभाग