जिले में खाद्यान्न वितरण के लिए पात्र परिवारों की संख्या 3.87 लाख है। प्रति परिवार में औसत पांच सदस्यों के तहत 19.35 लाख सदस्यों को हर माह सब्सिडी पर खाद्यान्न वितरण किया जाना है। बारिश के दौरान पीओएस मशीनों में सर्वर फेल होने के चलते अभी तक 2.54 लाख परिवारों (12.72 लाख सदस्य) को ही खाद्यान्न का वितरण हो सका है। जून माह का सात दिन शेष है। अभी 1.33 लाख परिवारों (5.32 लाख सदस्य) का राशन वितरण बाकी है। जिले में ज्यादातर सैल्समैनों ने विभागीय अधिकारियों को सूचना दी है कि ग्रामीण क्षेत्र में नेटवर्क खराब होने के चलते मशीनों से वितरण प्रभावित हो रहा है। जून माह में महज सात दिन के भीतर लाखों गरीबों का खाद्यान्न वितरण कर पाना मुश्किल है।
जिले में पोर्टबिलिटी सिस्टम लागू होने से हितग्राही सुविधानुसार दूसरी दुकानों पर खाद्यान्न लेने के लिए पहुंच रहे हैं। अकेले जून माह में अब तक दस हजार ऐसे परिवार हैं जिन्होंने पंजीकृत दुकान के अलावा अन्यंत्र दुकान पर राशन लेने के लिए पहुंचे। रीवा शहर में ग्रामीण क्षेत्र के पात्र परिवार रहते हैं। शहरी दुकानों पर बाहर के लोगों ने भी राशन लेने के लिए पहुंचे। इस माह में अब तक अकेले शहरी क्षेत्र की दुकानों पर तीन हजार से अधिक लोग पहुंचे। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र में जवा, मऊगंज, सिरमौर, त्योंथ में भी अपनी सुविधानुसार राशन के लिए पहुंचे।
शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में पचास फीसदी से ज्याद मशीनें कबाड़ हो गई हैं। शहर के वार्ड-30 में अ की दुकान की पीओएस मशीन सप्ताहभर में कई बार खराब हो चुकी। चार दिन पहले मशीन को सेल्समैन ठीक कराकर ले गया। दूसरे दिन मशीन ओपेन ही नहीं हुई। यहां पर 250 हितग्राही है। अभी तक कई हितग्राहियों को राशन नहीं मिला है। इसी तरह जवा, हनुमना, त्योंथर सहित अन्य क्षेत्र में कई दुकानों की मशीनें खराब हो गई है। जिससे वितरण की व्यवस्था धीमी हो गई है।
वितरण की प्रापर मॉनीटरिंग की जा रही है। अभी तक 65 फीसदी वितरण पूरा हो गया है। शेष वितरण 30 जून तक कर लिया जाएगा। हां यह सही है कि ग्रामीण क्षेत्र की कुछ दुकानों पर सर्वर की दिक्कत रहती है। लेकिन, वितरण प्रभावित नहीं हो रहा है।
ठाकुर राजेन्द्र , जिला नियंत्रक