रीवा

खुशखबरी : सेवानिवृत्त कर्मचारियों को शहर में मिलेंगे भूखंड, सरकार ने स्वीकृति देकर दूर किया अड़ंगा

कर्मचारी आवास निगम के वर्षों से लंबित प्रोजेक्ट को स्वीकृति, रिटायर्ड कर्मचारियों को समान में भूखंड देने बनाईगई थी योजना

रीवाOct 23, 2019 / 01:13 am

Balmukund Dwivedi

plot buyers alert

रीवा. सरकारी कर्मचारियों को शहर में सस्ते दर पर भूखंड उपलब्ध कराने की लंबे समय से चली आ रही मांग की तकनीकी अड़चनें समाप्त हो गईहैं। राजस्व विभाग ने रीवा शहर की उस भूमि को कर्मचारी आवास निगम को सौंपने की स्वीकृति दे दी है, जहां पर कर्मचारियों को भूखंड देने के लिए विकास कार्य किए जा रहे थे। हाल ही में राजस्व मंत्री की सहमति मिलने के बाद अब तक की तकनीकी अड़चनें समाप्त हो गईहैं। शहर के समान मोहल्ले में 6.92 एकड़ भूमि में यह योजना शुरू की गईहै। वर्ष 1996 -97 में सरकार की ओर से नोटिफिकेशन जारी किया गया था। शुरुआती दौर में योजना को लेकर कोई प्रयास नहीं हुए लेकिन इसके बाद वर्ष 2006 -07 में फिर से सरकार ने नया प्रारूप जारी किया। जिसमें रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए कॉलोनी बसाने का प्रारूप भी तैयार हुआ, हाउसिंग बोर्ड को कर्मचारियों के लिए कालोनी विकसित करने की जिम्मेदारी दी गई। उस दौरान कर्मचारियों की ओर से जो आवेदन लिए गए, उसमें उन कर्मचारियों को वरीयता दी गई जिनका सेवानिवृत्ति कार्यकाल तीन साल से कम था। साथ ही सेवानिवृत्त कर्मचारियों से भी आवेदन लिए गए। समान मोहल्ले में प्रस्तावित कॉलोनी में आवास के लिए 16 0 रिटायर्ड कर्मचारियों ने आवेदन किया था। जिसमें से सत्यापन के बाद पहले चरण में 8 2 नाम ऐसे तय किए गए थे जिन्हें आवंटन की प्रक्रिया प्रारंभ करनी थी। स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक उदासीनता के साथ ही सरकार ने भी कोईप्रयास नहीं किया। भाजपा की सरकार में योजना को दोबारा शुरू जरूर किया गया लेकिन अमली जामा पहनाने के प्रयास नहीं हुए। आवेदन करने वाले कर्मचारियों की ओर से लगातार मांगें की जाती रहीं लेकिन सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया।
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मुख्य सचिव को रीवा आने पर दिया था ज्ञापन
कर्मचारी आवास निगम के हितग्राहियों की समिति की ओर से रामसजीवन नामदेव, रोशनलाल शुक्ला सहित अन्य ने मुख्य सचिव को बीते महीने रीवा प्रवास के दौरान ज्ञापन दिया था। जिन्होंने साथ में आए राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव को इस प्रकरण की जिम्मेदारी सौंपी थी। प्रमुख सचिव ने फाइल तलब कर पूरे मामले का अध्ययन किया और राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को प्रस्ताव भेजा। मंत्री ने भी स्वीकृति दे दी है। इसलिए शासन की ओर से अब तक जो तकनीकी रुकावटें थी, वह दूर हो गई हैं।
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नजूल की भूमि होने के चलते रुका था आवंटन
समान मोहल्ले में जिस भूमि पर कर्मचारी आवास निगम का प्रोजेक्ट स्वीकृत हुआ है। वह नजूल में है, इसलिए अब तक उसका आवंटन नहीं हो रहा था। इसमें नामांतरण रुका हुआ था। राजस्व मंत्री ने सहमति दे दी हैकि उक्त भूमि को कर्मचारी आवास निगम को सौंपा जाए। अब निगम हितग्राहियों से अतिरिक्त राशि लेकर राजस्व विभाग को सौंपेगा। पूर्व में कर्मचारियों से 900 वर्गफिट, 1500 वर्गफिट और 1800 वर्गफिट के भूखंड के लिए क्रमश: 90 हजार रुपए, 1.87 लाख एवं 2.10 लाख रुपए जमा कराए गए थे। कुल भूखंड के लिए कर्मचारियों को ८९ लाख रुपए जमा करना है, जिसमें ४६ लाख वह दे चुके हैं। अब ४३ लाख रुपए और जमा किया जाना है, जिसे १६० कर्मचारियों से भूखंड के अनुसार वसूली कर कर्मचारी आवास निगम राजस्व विभाग को सौंपेगा।
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तीन नवंबर को होगी कर्मचारी परिवारों की बैठक
वर्षों से भूखंड के लिए संघर्षकर रहे सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों एवं उनके परिवारों की बैठक तीन नवंबर को आयोजित की गईहै। संघर्षसमिति के विनोद शुक्ला ने बताया कि किशोर न्यायालय के पास बैठक आयोजित की जाएगी और शासन के निर्णय के बाद आगे की तैयारियों पर चर्चाहोगी। उन्होंने कहा कि इस संघर्षमें शामिल रहे सभी लोगों को धन्यवाद भी दिया जाएगा और प्रशासन से मांग की जाएगी कि उन्हें जल्द ही भूखंड मुहैया कराए।
निर्देश के अनुसार होगा कार्य
अनुज प्रताप सिंह, कार्यपालन यंत्री हाउसिंग बोर्ड ने बताया कि कुछ समय पहले जो राशि मिली थी, उससे कर्मचारी आवास निगम की कालोनी विकसित करने का कार्यहुआ था। मामला शासन के पास लंबित है। वहां से जैसे ही कोई नया निर्देश मिलेगा, उसके अनुसार कार्य करेंगे।
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