scriptअमेरिका से खुलासा: रीवा के निवेदिता शिशु गृह में यौन उत्पीड़न की खबर से मचा हड़कंप, डीएसपी के नेतृत्व में टीम गठित | Rewa Nivedita Sishu Griha: sexual harassment big information from USA | Patrika News
रीवा

अमेरिका से खुलासा: रीवा के निवेदिता शिशु गृह में यौन उत्पीड़न की खबर से मचा हड़कंप, डीएसपी के नेतृत्व में टीम गठित

– सीडब्ल्यूसी की लापरवाही से सतना शिफ्ट नहीं हो सके बच्चे, अध्यक्ष बोलीं-कोई इमरजेंसी नहीं – शिशु गृह में बच्चों के यौन उत्पीडऩ मामले की जांच शुरू, पुलिस को मिली अहम जानकारी- शिशुगृह के कर्मचारियों से होगी पूछताछ

रीवाOct 29, 2019 / 07:04 pm

suresh mishra

Rewa Nivedita Sishu Griha: sexual harassment big information from USA

Rewa Nivedita Sishu Griha: sexual harassment big information from USA

सतना/ गोद लिए बच्चों की अमरीका में कॉउंसलिंग के बाद रीवा के निवेदिता शिशु गृह में यौन शोषण का खुलासा होने के बाद से हड़कम्प मच गया है। घटनाक्रम सामने आते ही आनन-फानन जिला बाल संरक्षण समिति (डीसीपीसी) की बैठक कर बच्चों को निवेदिता शिशुगृह से हटाकर सतना के मातृछाया में शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया। कलेक्टर ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए व्यवस्था भी तय कर दी। लेकिन, चार दिन गुजरने के बाद भी चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) इस मामले में गंभीर नजर नहीं आ रही।
ये भी पढ़ें: VIRAL VIDEO: वसूली को लेकर थाने के अंदर दो सिपाही आपस में भिड़ें, लात घुसे से की एक दूसरे की पिटाई

दरअसल, सीडब्ल्यूसी के आदेश के बिना बच्चों को सतना शिफ्ट नहीं किया जा सकता है। मामले में सीडब्ल्यूसी रीवा की अध्यक्ष का कहना है कि यह कोई इमरजेंसी नहीं जो इसके लिए आपात बैठक बुलाई जाए। उधर , मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएसपी रीवा के नेतृत्व में एसपी रीवा ने जांच टीम गठित कर दी है। यह टीम शिशुगृह के कर्मचारियों से पूछताछ करेगी। आशंका जताई जा रही कि मामला उजागर होने के बाद शिशुगृह के आवश्यक दस्तावेजों को गायब भी किया जा सकता है। दूसरी ओर मामला सामने आने के बाद रीवा के लोगों में नाराजगी भी देखने को मिल रही है।
ये भी पढ़ें: अमेरिका में हुआ खुलासा, रीवा के शिशु गृह में हो रहा था यौन शोषण। भारत सरकार को दी जानकारी तो मचा हड़कंप

ये है मामला
अमरीका से भारत सरकार को रीवा के निवेदिता शिशु गृह में यौन शोषण की जानकारी मिलने के बाद आनन-फानन प्रदेश सरकार को मामला सौंपा गया। इसके बाद तत्काल 24 अक्टूबर को रीवा की जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक आयोजित की गई। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी की अध्यक्षता वाली इस बैठक में प्रकरण की गंभीरता और बालकों के प्रति संवेदनशीलता को देखते हुए डीपीसीपी ने वहां रह रहे पांच बच्चों को निवेदिता शिशु गृह से सतना के मातृछाया शिशुगृह में स्थानांतरित करने निर्णय लिया। 24 अक्टूबर को ही जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास प्रतिभा पाण्डेय ने सीडब्ल्यूसी की चेयर पर्सन प्रवीण मिश्रा को आधिकारिक पत्र लिखा। उसमें डीसीपीसी की आपात बैठक आयोजित कर लिए गए निर्णयों से अवगत कराया गया और विषय की गंभीरता से अवगत कराया गया। इसके बाद सीडब्ल्यूसी को इन बच्चों को रीवा से सतना भेजने का आदेश जारी करना था, लेकिन सीडब्ल्यूसी गंभीर मामले में पूरी तरह लापरवाह नजर आ रही है।
संस्था में पसरा सन्नाटा, चुप्पी साधे कर्मचारी
पूरा मामला सामने आने के बाद निवेदिता शिशु गृह में दो दिनों से सन्नाटा पसरा है। कार्यालय में इक्का-दुक्का कर्मचारी ही नजर आए और वे संस्था से जुड़ी कोई भी जानकारी देने से कतराते रहे। मुंह खोलने को तैयार नहीं थे। संस्था की चारदीवारी के अंदर ही यह घिनौना कृत्य हुआ है, जिसमें कहीं न कहीं कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध है।
शिशु गृह में रहते हैं लावारिस बच्चे
उक्त शिशु गृह में लावारिस बच्चे रहते है। जब भी लावारिस बच्चे मिलते हैं तो उनको पुलिस बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के सामने पेश करती है। समिति के निर्देश पर बच्चों को ऐसी संस्थाओं में सुरक्षित रखा जाता है। यदि माता-पिता नहीं मिलते हैं तो उन बच्चों को इच्छुक दंपतियों को गोद दे दिया जाता है।
मेडिकल पर भी सवाल
नियमानुसार शिशुगृह के बच्चों को गोद देने के दौरान उनका मेडिकल परीक्षण किया जाता है। लेकिन इन चार बच्चों के मामले में मेडिकल रिपोर्ट में कुछ भी नकारात्मक नहीं बताया गया था। जब बच्चे अमरीका पहुंचे और वहां सख्त कानून प्रावधानों के बीच प्रशिक्षित काउंसलर्स ने बच्चों की काउंसलिंग की तो पूरा स्याह सच सामने आया। इससे मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने और परीक्षण की प्रक्रिया भी सवालों में घिर गई है।
गैर जिम्मेदाराना बयान
इस इंटरनेशन मामले में सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष (चेयर पर्सन) प्रवीण मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने बहुत ही गैर जिम्मेदाराना बयान दिया। कहा, कोई इमरजेंसी तो है नहीं कि आपात बैठक बुलाई जाए। त्यौहार के कारण बैठक आयोजित नहीं की जा सकी। मेरे सहित चार अन्य लोगों को भी बुलाना पड़ता है। सवाल यह खड़ा हो रहा कि जिस मामले में भारत सरकार से लेकर प्रदेश सरकार तक गंभीर है। डीसीपीसी की कलेक्टर आपात बैठक बुला रहे हैं, संस्था का लाइसेंस निरस्त कर जांच के आदेश हो चुके और बच्चों को अन्यत्र भेजने के डीएम के आदेश हो चुके, इसके बाद सीडब्ल्यूसी को 24 से 26 तक गैर अवकाश के दिनों में बैठक बुलाने का समय नहीं मिला। आज स्थिति यह है कि 28 अक्टूबर तक सीडब्ल्यूसी इस पर कोई निर्णय नहीं ले सकी थी और अगले दिन बैठक लेकर विचार करने की बात चेयरपर्सन प्रवीण मिश्रा ने कही है।
रीवा पुलिस अधीक्षक ने गठित की टीम
रीवा पुलिस अधीक्षक आबिद खान ने मामले की जांच के लिए डीएसपी राजीव पाठक के नेतृत्व में टीम गठित की है। इसमें उपनिरीक्षक आराधना सिंह, गौरव मिश्रा सहित अन्य शामिल है। मंगलवार को टीम शिशु गृह के कर्मचारियों से पूछताछ करने के साथ ही संस्था के रिकार्ड खंगालेगी। वर्तमान में शिशुगृह में पांच बच्चे है, जिनकी उम्र से तीन से चार साल के बीच है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस बेहद गोपनीय तरीके से इस मामले की जांच कर रही है।
आंचल शिशु गृह का मामला सामने आया है। जांच के लिए डीएसपी के नेतृत्व में टीम गठित कर दी गई है। यह टीम पूरे मामले की जांच कर तथ्यों को जुटाएगी। जांच में जिन-जिन लोगों के शामिल होने की बात सामने आएगी उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
आबिद खान, एसपी रीवा
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो