ठण्ड के मौसम में सबसे ज्यादा बच्चों को दिक्कत होती है। परिजन अपने बच्चों के साथ इलाज कराने के लिए सतना, सीधी, सिंगरौली, शहडोल सहित अन्य जिलों के दूर गांव से पहुंचते हैं। बीमार बच्चों के साथ शिशु रोग विभाग के बाहर परिजन बैठे रहे। लालगांव की ममता देवी सुबह आठ बजे बीमार बच्चे को लेकर आ गई थी। सुबह 11 बजे तक डॉक्टर नहीं आए थे। इसी तरह कई परिजन अपने बच्चों के साथ लाइन में लगे रहे।
सुबह 9 बजे से मरीज ओपीडी के बाहर बैठे रहे। लेकिन 11.30 बजे तक कोई भी सीनियर चिकित्सक नहीं आए थे। इससे यहां पर भी मरीज पर्ची बनवाकर डॉक्टर के आने का इंतजार कर रहे थे। दूर-दराज से महिलाएं इलाज कराने के लिए आई थी, लेकिन सीनियर डॉक्टरों के न आने से सभी निरास थे।
सतना एवं सीधी सहित गांवों से आने वाले मरीज जब ओपीडी में पहुंचते हैं तो उन्हें डॉक्टरों को ढूंढने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। डॉक्टरों के कक्ष के बाहर जो ब्लैक बोर्ड लगाया गया है उसमें किसी भी ड्यूटी चिकित्सक का नाम दर्ज नहीं होने से मरीजों को यह पता नहीं चल पाता की वह किस चिकित्सक से इलाज करा रहे हैं। ऐसे में मरीजों को कई बार पूछना पड़ता जिससे काफी परेशानी होती।