scriptसंजय गांधी अस्पताल : आउट डोर से सीनियर डॉक्टर गायब, जूनियरों के भरोसे ओपीडी | Sanjay Gandhi Hospital : OPD of hospital based on juniors | Patrika News
रीवा

संजय गांधी अस्पताल : आउट डोर से सीनियर डॉक्टर गायब, जूनियरों के भरोसे ओपीडी

विंध्य के सबसे बड़े संजय गांधी अस्पताल की ओपीडी में अव्यवस्था, बिना इलाज के लौट रहे मरीज

रीवाJan 18, 2020 / 01:16 pm

Mahesh Singh

Sanjay Gandhi Hospital : OPD of hospital based on juniors

Sanjay Gandhi Hospital : OPD of hospital based on juniors

रीवा. विंध्य के सबसे बड़े संजय गांधी अस्पताल में मरीजों को उचित उपचार नहीं मिल पा रहा है। ओपीडी में चिकित्सक लापरवाही कर रहे हैं। हालात यह है कि ओपीडी जूनियर डॉक्टरों के भरासे छोड़ दी गई है। शुक्रवार को पत्रिका की पड़ताल में सुबह करीब 11 बजे अस्पताल के आउट डोर में सैकड़ों मरीज उपचार के लिए लाइन में लगे हुए थे। लेकिन कोई भी सीनियर डॉक्टर वहां मौजूद नहीं था। ऐसे में संभागभर से आए मरीजों को मायूस होकर जूनियर डॉक्टरों से उपचार कराना पड़ा।
विंध्य के सबसे बड़े अस्पताल कहे जाने वाले संजय गांधी के ओपीडी विभाग में मरीजों के साथ डॉक्टरों का यह उपेक्षापूर्ण बर्ताव है। ओपीडी में कोई भी सीनियर डॉक्टर नहीं था। अकेले मेडिसिन विभाग ही नहीं चर्म रोग विभाग से लेकर शिशु रोग विभाग, मानसिक रोग विभाग, स्त्री रोग विभाग, नेत्र रोग विभाग सभी का यही हाल था। मरीज पर्चा वनवाकर डॉक्टरों का घण्टों इंतजार करते रहे, लेकिन डॉक्टर देर तक नहीं पहुंचे।
जबकि ओपीडी का समय सुबह 8 बजे से निर्धारित है। उसके बाद भी डॉक्टर मौजूद नहीं थे। मेडिसिन विभाग के बाहर मरीजों की लम्बी कतार लगी थी। लेकिन कक्ष क्रमांक एक, दो, तीन, छह में कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं थे। जबकि कक्ष क्रमांक 4 में केवल एक जूनियर महिला डॉक्टर बैठी हुई थी। वह भी अपने मोबाइल में बिजी रही। इतने बड़े हॉस्पिटल का यह हाल देखकर कोई भी हैरान हो जाएगा।
शिशु रोग विभाग में भी नहीं था कोई डॉक्टर
ठण्ड के मौसम में सबसे ज्यादा बच्चों को दिक्कत होती है। परिजन अपने बच्चों के साथ इलाज कराने के लिए सतना, सीधी, सिंगरौली, शहडोल सहित अन्य जिलों के दूर गांव से पहुंचते हैं। बीमार बच्चों के साथ शिशु रोग विभाग के बाहर परिजन बैठे रहे। लालगांव की ममता देवी सुबह आठ बजे बीमार बच्चे को लेकर आ गई थी। सुबह 11 बजे तक डॉक्टर नहीं आए थे। इसी तरह कई परिजन अपने बच्चों के साथ लाइन में लगे रहे।
चर्म रोग की ओपीडी की हालत खराब
सुबह 9 बजे से मरीज ओपीडी के बाहर बैठे रहे। लेकिन 11.30 बजे तक कोई भी सीनियर चिकित्सक नहीं आए थे। इससे यहां पर भी मरीज पर्ची बनवाकर डॉक्टर के आने का इंतजार कर रहे थे। दूर-दराज से महिलाएं इलाज कराने के लिए आई थी, लेकिन सीनियर डॉक्टरों के न आने से सभी निरास थे।
नोटिस बोर्ड पर डॉक्टरों का नाम नहीं
सतना एवं सीधी सहित गांवों से आने वाले मरीज जब ओपीडी में पहुंचते हैं तो उन्हें डॉक्टरों को ढूंढने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है। डॉक्टरों के कक्ष के बाहर जो ब्लैक बोर्ड लगाया गया है उसमें किसी भी ड्यूटी चिकित्सक का नाम दर्ज नहीं होने से मरीजों को यह पता नहीं चल पाता की वह किस चिकित्सक से इलाज करा रहे हैं। ऐसे में मरीजों को कई बार पूछना पड़ता जिससे काफी परेशानी होती।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो