मतदान के बाद ६वें दिन मंगलवार को हुजूर तहसील में पक्षकारों को हर बार की तरह इस बार भी सामान्य पेशी लगा दी गई। हुजूर तहसील में दोपहर 12.10 बजे बोदाबाग स्थित रविराजनगर निवासी राजेश साकेत पेशी पर पहुंचे थे। राजेश ने तहसील के कर्मचारियों से कहा, तहसील में पिछले तीन बार से सामान्य पेशी दी जा रही है। तहसीलदार कोर्ट में नहीं बैठ रहे हैं। आज भी हर बार की तरह रीडर ने तहसीलदार को चुनाव ड्यूटी में व्यस्त होना बताकर पेशी लगा दी गई।
पक्षकार ने कहा, तहसील में एक साल से पेशी पर पेशी लग रही है। न्याय मिलने से पहले बाबूलाल चाचा दुनिया से चले बसे। पक्षकारों ने बताया कि एक साल पहले बोदाबाग निवासी बाबूलाल को प्रधानमंत्री आवास मिला था। आवास का निर्माण का काम प्रारंभ किया तो मोहल्ले में ही रहने वाली कौशिल्या, भगवानदीन आदि ने हुजूर तहसीलदार के यहांं जमीन का प्रकरण दायर कर दिया है। तहसीलदार ने स्थगन आदेश दे दिया है।
पटवारी के प्रतिवेदन के बाद भी बाबूलाल को समय से न्याय नहीं मिला। बीमारी के कारण इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। प्रकरण की सुनवाई नहीं होने से प्रधानमंत्री आवास का निर्माण अधूरा है। जिससे बाबूलाल का परिवार ठंड में पॉलिथिन की झोपड़ी में रात काटने को विवश है। पीडि़त पक्षकारों ने अधिकारियों को फोटो भी उपलब्ध कराया है। बावजूद इसके प्रकरणों लटका हुआ है। इसी तरह बंटवारा, नामांकन सहित विवादित जमीनों के दर्जनों की संख्या में आए पक्षकारों को सामान्य पेशी दे दी गई।
हुजूर तहसीलदार कोर्ट में ढाई हजार से ज्यादा प्रकरणों की सुनवाई चल रही है। अक्टूबर और नवंबर तक कोर्ट नहीं चलने से प्रकरणों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसी तरह जिले की ११ तहसीलों के 32 सर्किलों में राजस्व प्रकरणों की सुनवाई प्रभावित है। विधानसभा चुनाव के चलते प्रकरणों की सुनवाई प्रभावित होने के कारण जिले में प्रदंह हजार से ज्यादा प्रकरणों की सुनवाई प्रभावित हो गई है। तहसीलों में पक्षकार चक्कर लगा रहे हैं।
पक्षकारों की जुबानी…
हुजूर तहसील के बरा गांव में मेरी निजी भूमि पर कब्जा किया जा रहा है। तहसील में प्रकरण दायर करने के बाद सुनवाई के बजाए पेशी पर पेशी दी जा रही है। समय से सुनवाई नहीं होने के कारण न्याय नहीं मिल रहा है। निर्माण का विरोध करने पर विपक्षी मारपीट कर रहे हैं। जब जान चली जाएगी तब न्याय मिलेगा।
रामकरन मुड़हा, पक्षकार
तहसील में पेशी पर एक साल से दौड़ रहे हैं, हर बार सामान्य पेशी दे दी जा रही है। सुनवाई नहीं होने से न्याय नहीं मिल रहा है। हर माह पेशी दी जा रही है। पेशी पर आने पर कर्मचारियों के द्वारा बता दिया जाता है कि तहसीलदार नहीं हैं। अभी चुनाव चल रहा है।
उमेश, पक्षकार
हर माह पेशी दे दी जाती है, पटवारी के प्रतिवेदन के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है। प्रकरण की सुनवाई नहीं होने से उभयपक्ष को मौका दे दिया गया। दो माह से कोर्ट नहीं चली।
सुखलाल, पक्षकार