मानसिक विकास होता है
सदस्यों ने कहा कि बच्चों के साथ अधिक समय व्यतीत करने और खेल-कूद से मानसिक विकास होता है। इस दौरान शिशु विभागाध्यक्ष डॉ. ज्योति सिंह ने कहा कि पांच साल से कम उम्र के बच्चो में कुपोषण होने से बीमारियों का खतरा रहता है। इस दौरान उन्हें बचाव के उपाय भी बताए गए। भ्रमण के दौरान कैंसर सोसायिटी के सदस्य भारती शर्मा, डॉ. वीके श्रीवास्तव, डॉ. जय सिंह आदि रहे। विंध्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल में बच्चों के लिए अलग-अलग बीमारियों की यूनिट बनाई गई है। सभी को मिलाकर 350 से अधिक बेड पर बच्चों का इलाज किया जा रहा है।
सदस्यों ने कहा कि बच्चों के साथ अधिक समय व्यतीत करने और खेल-कूद से मानसिक विकास होता है। इस दौरान शिशु विभागाध्यक्ष डॉ. ज्योति सिंह ने कहा कि पांच साल से कम उम्र के बच्चो में कुपोषण होने से बीमारियों का खतरा रहता है। इस दौरान उन्हें बचाव के उपाय भी बताए गए। भ्रमण के दौरान कैंसर सोसायिटी के सदस्य भारती शर्मा, डॉ. वीके श्रीवास्तव, डॉ. जय सिंह आदि रहे। विंध्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल में बच्चों के लिए अलग-अलग बीमारियों की यूनिट बनाई गई है। सभी को मिलाकर 350 से अधिक बेड पर बच्चों का इलाज किया जा रहा है।
350 से अधिक बेड के अस्पताल में तड़प रहे बच्चे
विंध्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल में बच्चों के लिए अलग-अलग बीमारियों की यूनिट बनाई गई है। सभी को मिलाकर ३५० से अधिक बेड पर बच्चों का इलाज किया जा रहा है। इसके अलावा दो वार्ड अलग से बनाए गए हैं। जहां पर नवजात शिशु गहन इकाई में बच्चों को रखा गया है। क्रिटिकल जोन में बच्चों का इलाज किया जाता है। श्याम शाह चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ पीसी द्विवेदी ने दावा है कि मेडिकल कालेज से सबद्ध जीएमएच और एसजीएमएच को मिलाकर 1300 से अधिक बेड हैं।
विंध्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल में बच्चों के लिए अलग-अलग बीमारियों की यूनिट बनाई गई है। सभी को मिलाकर ३५० से अधिक बेड पर बच्चों का इलाज किया जा रहा है। इसके अलावा दो वार्ड अलग से बनाए गए हैं। जहां पर नवजात शिशु गहन इकाई में बच्चों को रखा गया है। क्रिटिकल जोन में बच्चों का इलाज किया जाता है। श्याम शाह चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ पीसी द्विवेदी ने दावा है कि मेडिकल कालेज से सबद्ध जीएमएच और एसजीएमएच को मिलाकर 1300 से अधिक बेड हैं।
संजय गांधी अस्पताल में 1300 से अधिक बेड
श्याम शाह चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ पीसी द्विवेदी ने दावा है कि मेडिकल कालेज से सबद्ध जीएमएच और एसजीएमएच को मिलाकर 1300 से अधिक बेड हैं। सभी विभाग को मिलाकर पहले 850 थे, अपडेट के बाद ११५० हो गए। वर्तमान समय में दो वार्ड अलग से बढ़ाए गए हैं। कुल मिलाकर १३०० से अधिक बेड हो गए हैं। मरीजों को बेहतर इलाज के लिए कई नई मशीनें बढ़ा दी गई हैं।
श्याम शाह चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ पीसी द्विवेदी ने दावा है कि मेडिकल कालेज से सबद्ध जीएमएच और एसजीएमएच को मिलाकर 1300 से अधिक बेड हैं। सभी विभाग को मिलाकर पहले 850 थे, अपडेट के बाद ११५० हो गए। वर्तमान समय में दो वार्ड अलग से बढ़ाए गए हैं। कुल मिलाकर १३०० से अधिक बेड हो गए हैं। मरीजों को बेहतर इलाज के लिए कई नई मशीनें बढ़ा दी गई हैं।