संजय गांधी अस्पताल में कैंसर रोगियों के इलाज के लिए पीपी मॉडल पर कैंसर यूनिट संचालित की जा रही है। कैंसर रोगियों के इलाज के बाद राज्य बीमारी सहायता राशि और आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का इलाज किया जा रहा है। राज्य बीमारी सहायता राशि के तहत वर्ष 2016 से लेकर अब तक 40 लाख रुपए से ज्यादा का भुगतान नहीं हो सका है। इसी तरह आयुष्मान निरामय योजना के तहत चार माह के भीतर 40 लाख रुपए से अधिक का क्लेम हो गया है। बिल लगाने के बाद भी भुगतान नहीं हो सका है।
मरीजों के इलाज पर पड़ रहा है। यही स्थिति रही तो जल्द ही कैंसर यूनिट बंद होने की कगार पर पहुंच जाएगा। कैंसर यूनिट के दस्तावेज के अनुसार राज्य बीमारी सहायता राशि के तहत वर्ष 2016 में 5 लाख, वर्ष 2017 में 15 और वर्ष 2018-19 में अभी तक 20 लाख रुपए के क्लेम का भुगतान नहीं हो सका है। बताया गया कि राज्य बीमारी सहायता राशि और आयुष्मान भारत योजना के तहत होने वाला भुगतान दो विभागों के बीच में फंसा है। सीएमएचओ कार्यालय की ओर से संजय गांधी अस्पताल के अधीक्षक कार्यालय में भेज दिया गया है। इसके बावजूद क्लेम का भुगतान नहीं हो रहा है।
आयुष्मान के 110 कैंसर रोगी भर्ती हो चुके हैं। आज तक क्लेम का भुगतान शून्य है। उदाहरण के तौर पर नीलम देवी गौतम कैंसर से पीडि़त हैं। इलाज चल रहा है। करीब एक लाख रुपए का क्लेम का अभी तक भुगतान नहीं हो सका है। इसी तरह अब्बास खान, छोटकी साहू, सविता मिश्र, सुनीता गुप्ता, बद्री प्रसाद मिश्र, भुआल कुशवाहा आदि का 4.50 लाख रुपए से अधिक का क्लेम किया गया है। जिसका भुगतान नहीं हो पाया है।