संजय गांधी अस्पताल की ओपीडी परिसर के प्रथम तल पर वॉयरोलॉजी लैब तेजी के साथ तैयार की जा रही है। लैब के साइंटिस्टों की टीम जबलुपर से प्रशिक्षण लेकर रीवा लौट आयी है। एसजीएमएच में वॉयरोलॉजी लैब की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। आइसीएमआर वॉयरोलॉजी लैब व मशीन की फिटिंग का फिजिकल परीक्षण करेगा। परीक्षण के बाद सेंपलों की वैलिडेशन यानी आइसीएमआर की पुणे व दिल्ली की टीम एजजीएमच के वॉयरोलॉजी लैब में टेस्ट के लिए नमूना भेजेगा। जिसकी क्रास जांच पुणे व दिल् ली के साइंटिस्ट स्वयं करेगा।
वैलिडेशन ठीक पाए जाने पर मान्यता
वैडिलेशन ठीक पाए जाने पर वॉयरोलॉजी लैब की मान्यता दे दी जाएगी। दरअसल, वॉरयरोलॉजी लैब में अभी तक यहां पर किसी स्टॉफ की नियुक्ति नहीं की गई है। जिसको लेकर लैब की एक-एग गतिविधियों पर पुणे व दिल्ली से नजर रखी जा रही है। वॉयरोलॉजी लैब में जांच के लिए अस्थाई तौर पर श्याम शाह चिकित्सा महाविद्यालय के माइक्रो बायॉलॉजी व एमडीआरयू के सांइटिस्टों को प्रशिक्षण के लिए जलबपुर भेजा गया। टीम दो दिन पहले वापस आ गई है।
संजय गांधी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. पीके लखटकिया ने बताया कि वॉयरोलॉजी लैब का काम तेजी के साथ चल रहा है। संभावना है कि अगले चार दिन में जांच शुरू हो सकती है। प्रारंभिक चरण में वैलिडेशन होगा। इसके बाद जांच रिपोर्ट के लिए लैब तैयार हो जाएगा।