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रीवा

जिला अस्पताल में गेट पर दर्द से कराहती रही महिला, जानिए क्यो

जिला प्रशासन के तमाम प्रयास के बावजूद चिकित्सक शेड्यूल पर समय से अस्पताल नहीं पहुंच रहे हैं

रीवाDec 05, 2020 / 07:53 am

Rajesh Patel

 Woman groaning painfully at gate in district hospital

Woman groaning painfully at gate in district hospital

रीवा. जिला अस्पताल में आपातकालीन सेवाएं अव्यवस्था की भेंट चढ़ गई है। जिला प्रशासन के तमाम प्रयास के बावजूद चिकित्सक शेड्यूल पर समय से अस्पताल नहीं पहुंच रहे हैं। आपाताकालीन कक्ष के गेट पर दुर्घटना की चपेट में आई महिला दर्द से कराहती रही। महिला ने मौजूद चिकित्सक को पर्चा दिए तो वह यह कहते हुए चले गए कि अभी कुछ देर में दूसरे चिकित्सक आएंगे तो देखेंगे। पट्टी कराकर आई हो, हमारी तबियत ठीक नहीं है। चिकित्सक बगैर देखे चले गए। दर्द से कराह रही महिला दो बजे से लेकर करीब तीन बजे तक ड्यूटी पर दूसरे डाक्टर के आने का इंतजार करती रही।
तेज रफ्तार स्कार्पियों ने मार दी जोरदार टक्कर
शहर के समान नाका निवासी गुलाबकली (35) पत्नी श्यामलाल सुबह 11.30 बजे बेटी अंकिता के साथ सीधी जाने के लिए न्यू बस स्टैंड जा रहीं थी। बस के निकट पहुंची ही थी कि गार्डन की ओर से तेज रफ्तार स्कार्पियो आ रही थी। जोरदार टक्कर मार दी। जिससे सडक़ पर गिर गई। चालक वाहन लेकर सिरमौर चौराहे की ओर फरार हो गया। दाहिए पैर में गंभीर चोट आ गई है। समान थाने में सूचना देकर दोपहर 1.40 बजे जिला अस्पताल पहुंची। पर्चा लेने के बाद 1.50 बजे आकस्मिक केन्द्र पर पहुंची।
चिकित्सक ने कहा हमारी तबियत ठीक नहीं
मौजूद चिकित्सक डॉ. प्रदीप सोहगौरा यह कहते हुए मना कर दिया कि अभी उनकी स्वयं की तबियत ठीक नहीं है। ड्यूटी में दिक्कत हो रही है। दूसरे डॉक्टर ड्यूटी पर आने वाले हैं। उन्हें दिखा दीजिए। दुर्घटना से घायल महिला घंटेभर दर्द से कराहती रही। इस बीच कई अन्य मरीज भी आए। वहां पर मौजूद स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मरीजों को बता रहे थे कि कुछ देर से डॉक्टर आने वाले हैं।
रात्रि ड्यूटी में काल पर आते हैं चिकित्सक
अस्पताल में रात्रि ड्यूटी में चिकित्सक काल पर आते हैं। कई बार तो ड्रेसर ही मलहम पट्टी कर संजय गांधी अस्पताल के लिए रेफर कर देते हैं। चिकित्सक बाद में पहुंचते हैं। ये कहानी अकेले एक दिन की नहीं बल्कि आए दिन बनी रहती है। परिसर में मौजूद स्वास्थ्य कर्मचारियों ने बताया कि देरशाम सन्नाटा पसर जाता है। गेट पर सुरक्षा कर्मी तक नहीं रहते हैं। अस्पताल में चिकित्सकों की कुर्सी खाली रहती है। इमर्जेंसी सेवा के लिए भी काल पर चिकित्सक आते हैं।

वर्जन…
ऐसी जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो जांच कराएंगे। संबंधित चिकित्सकों से बात करेंगे। फिलहाल अभी ब्लाक स्तर पर कैंप चल रहे हैं। 20 नवंबर से लेकर 7 दिसंबर तक चिकित्सकों के शेड्यूल में दिक्कत है। मैं स्वयं दोपहर तक मेडिसिन में मरीज देखता हूं। इसके अलावा सभी विभाग के मरीजों को अटेंड के लिए व्यवस्था बनाई गई है।
डॉ. केपी गुप्ता, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल

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