परिवार की महिलाओं के साथ गई थी पीडि़ता
अनीता साकेत पति गोरेलाल 28 वर्ष निवासी मुदरिया चौबान अपने परिवार की तीन अन्य महिलाओं के साथ सोमवार की सुबह सेलार नदी के किनारे खेत काटने गई थी। करीब साढ़े ग्यारह बजे चारों महिलाएं जब खेत वापस अपने घर आने वाली थी तभी समीप ही पेड़ पर लगी मधुुमक्खियों के झुंड ने अचानक हमला कर दिया। जान बचाकर चारों महिलाएं अलग-अलग दिशाओं में भाग दी। कुछ महिलाएं अरहर के खेत में घुस गई थी जबकि अनीता साकेत नदी के किनारे-किनारे भाग रही थी। अचानक महिला का पैर फिसल गया और वह पानी में गिर गई।
अनीता साकेत पति गोरेलाल 28 वर्ष निवासी मुदरिया चौबान अपने परिवार की तीन अन्य महिलाओं के साथ सोमवार की सुबह सेलार नदी के किनारे खेत काटने गई थी। करीब साढ़े ग्यारह बजे चारों महिलाएं जब खेत वापस अपने घर आने वाली थी तभी समीप ही पेड़ पर लगी मधुुमक्खियों के झुंड ने अचानक हमला कर दिया। जान बचाकर चारों महिलाएं अलग-अलग दिशाओं में भाग दी। कुछ महिलाएं अरहर के खेत में घुस गई थी जबकि अनीता साकेत नदी के किनारे-किनारे भाग रही थी। अचानक महिला का पैर फिसल गया और वह पानी में गिर गई।
अस्पताल में मृत घोषित किया
नलजल योजना के काम के लिए नदी का पानी आगे बांध दिया गया है जिससे जलस्तर काफी ज्यादा था। शोर शराबा सुनकर गांव के लोग पहुंचे जिन्होंने पानी से महिला को बाहर निकाला। उन्हें तत्काल उपचार के लिए अस्पताल लेकर आए जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं हमले का शिकार तीन अन्य महिलाएं आंशिक रूप से घायल हुई है जिनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। पुलिस ने मर्ग कायम कर घटना की जांच शुरू कर दी है।
नलजल योजना के काम के लिए नदी का पानी आगे बांध दिया गया है जिससे जलस्तर काफी ज्यादा था। शोर शराबा सुनकर गांव के लोग पहुंचे जिन्होंने पानी से महिला को बाहर निकाला। उन्हें तत्काल उपचार के लिए अस्पताल लेकर आए जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं हमले का शिकार तीन अन्य महिलाएं आंशिक रूप से घायल हुई है जिनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। पुलिस ने मर्ग कायम कर घटना की जांच शुरू कर दी है।
धुएं से रहती है मधुमक्खियों को परेशानी
आमतौर पर मधुमक्खियों को धुएं से परेशानी रहती है। कई बार ऊपर पेड़ में मधुमक्खियां लगी होती है और उसे लेाग नहीं देख पाते है। उसके नीचे आग जलाने से मधुमक्खियों के हमले का खतरा बढ़ जाता है। मऊगंज थाने के पचपहरा पहाड़ में पूजा के दौरान मधुमक्खियों ने हमला किया था जिसमें आधा दर्जन लोग घायल हो गए। लक्ष्मणपुर गांव में अंतिम संस्कार के दौरान मधुमक्खियों ने हमला कर दिया था।
आमतौर पर मधुमक्खियों को धुएं से परेशानी रहती है। कई बार ऊपर पेड़ में मधुमक्खियां लगी होती है और उसे लेाग नहीं देख पाते है। उसके नीचे आग जलाने से मधुमक्खियों के हमले का खतरा बढ़ जाता है। मऊगंज थाने के पचपहरा पहाड़ में पूजा के दौरान मधुमक्खियों ने हमला किया था जिसमें आधा दर्जन लोग घायल हो गए। लक्ष्मणपुर गांव में अंतिम संस्कार के दौरान मधुमक्खियों ने हमला कर दिया था।