प्रवचन
सागर•Nov 27, 2020 / 08:58 pm•
sachendra tiwari
A contented person is always happy – Munishree
बीना. इटावा जैन मंदिर में विराजमान मुनिश्री अचलसागर महाराज ने प्रवचन सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक व्यक्ति के जेहन में मानवता नहीं तब तक उसका जीवन सफल नहीं हो सकता है। हम कितने भी बड़े-बड़े कार्य क्यों न करें, यदि हमारा आचरण सही नहीं, हमारा व्यवहार सही नहीं, हमारे अंदर मानवता नहीं ंतो सबकुछ बेकार है।
उन्होंने कहा कि न्याय नीति पूर्वक जो व्यक्ति धन संचय करता है उसे ही अपार सुख शांति की प्राप्ति होती है। जो संतोषी व्यक्ति होता है वह हमेशा खुश रहता है, जो व्यक्ति अपने से गरीब व्यक्ति को देखता है वह ही प्रसन्नचित्त रहता है। व्यक्ति को हमेशा अच्छे कार्य करते रहना चाहिए। सांसारिक प्राणी को अपने भरण-पोषण के लिए अनेक कार्य करना पड़ते हैं ऐसे कार्य करो, जिसमें कम से कम हिंसा हो। चमड़े की वस्तुओं का विक्रय, सौन्दर्य प्रसाधन, कीटनाशक दवाईयों का विक्रय कभी न करें। सच्चे देव शास्त्र, गुरू की आराधना करें। धर्म के मूल स्वरूप को जाने। आगम में जो कहा गया या लिपिवद्ध किया गया है, उसके अनुसार ही आचरण करें। जो वीतरागी है, सर्वज्ञ है उनकी आराधना करें। प्रवचन पूर्व बाहर से आए श्रद्धालुओं ने आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के चित्र का अनावरण किया। मुनि संघ सेवा समिति के राकेश सराफ, संजय सराफ, मुकेश सेतपुर, देवेन्द्र, विजय, संदीप, मनोज, विकास, रमेश, अभय शास्त्री आदि ने आचार्यश्री के चित्र के समक्ष ज्ञानदीप का प्रज्जवलन किया। संचालन रमेश जैन एवं सहयोग अशोक शाकाहार ने किया।
मुनि संघ को आहार दान देने वालों का लगा तांता
मंदिर में विराजमान मुनिसंघ को आहार दान करने के लिए चौका लगाने वाले श्रद्धालु, पणगाहन करने दूरस्थ अंचल से आ रहे हैं। मुनि संघ को आहार कराने के के बाद श्रद्धालु गाजे-बाजों के साथ मंदिर तक छोडऩे जाते हैं। खुरई रोड पर स्थित श्रुतधाम में भी संदीप भैया सरल के मार्गदर्शन में अष्टान्हिका पर्व पर सिद्धचक्र महामंडल विधान का आयोजन किया जा रहा है।