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सागर

मरने के बाद व्यक्ति के अच्छे-बुरे कर्म ही जाते हैं साथ

सिद्धचक्र महामंडल विधान का हुआ शुभारंभ, निकली घटयात्रा

सागरSep 27, 2021 / 08:16 pm

sachendra tiwari

After death, only good and bad deeds of a person go with him

After death, only good and bad deeds of a person go with him

बीना. बड़ी बजरिया स्थित श्री पाश्र्वनाथ दिगम्बर जैन चौबीसी जिनालय में ऐलक श्री सिद्धांतसागर महाराज के सान्निध्य और ब्र. संजीव भैया कटंगी के मार्गदर्शन में अष्ट दिवसीय 1008 सिद्धचक्र महामंडल विधान का शुभारंभ सोमवार से किया गया। शुभारंभ घटयात्रा के साथ हुआ। 27 सितंबर से 4 अक्टूबर तक चलने वाले विधान में प्रतिदिन शांतिधारा, अभिषेक पूजन के साथ सैकड़ों इंद्र-इंद्राणी सिद्ध भगवंतों को अघ्र्य समर्पित करेंगे। विष्व में शांति के लिए यह अनुष्ठान आयोजित किया जा रहा है। घटयात्रा का शुभारंभ बड़ी बजरिया जैन मंदिर से हुआ, जो कच्चा रोड से होते हुए इटावा जैन मंदिर पहुंची और वहां से मुख्य मार्गों से होती हुई सर्वोदय चौराहा, गांधी चौराहा होते हुए वापस कार्यक्रम स्थल बड़ी बजरिया जिनालय के परिसर पहुंची। घटयात्रा में धर्म ध्वजा लिए नगर और बाहर से आए श्रद्धालु सबसे आगे चल रहे थे, फिर परंपरागत केशरिया परिधान में महिलाएं हाथ में कलश लिए चल रही थीं। श्रद्धालुओं ने घरों के सामने रंगोली सजाकर घटयात्रा का स्वागत किया। धर्मसभा को संबोधित करते हुए सिद्धांतसागर महाराज ने कहा कि ध्यान रहे, व्यक्ति के मरने के उपरांत भले ही हमारे साथ श्मशान तक पहुंचने के लिए संपूर्ण दुनिया ही क्यों न हो लेकिन श्मशान के आगे साथ जाने वाला कोई नहीं है। मरने के उपरांत सिर्फ अच्छे, बुरे कर्म ही साथ जाते हैं, एक मात्र धर्म ही उसका सहारा होता है। उन्होंने कहा कि जीवन में यदि सुख शांति चाहते हो तो हर रोज मौत को स्मृति में लाओ। घबराओ नहीं, मौत को याद करने से अपने मन में जो पाप और वासनाएं हैं वह मर जाएंगी, लेकिन आज कोई मृत्यु का नाम तक सुनना नहीं चाहता है। यदि सच में हमें मालूम पड़ जाए कि आज जिन्दगी का आखरी दिन है, तो उस दिन कोई पाप क्रिया नहीं करेगा, बल्कि उस दिन तो यही कोशिश होगी कि अब तक जो पाप हुए हैं, उनका प्रायश्चित कर लूं। प्रवचन के पूर्व आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के चित्र का अनावरण बहार से श्रद्धालुओं ने किया। ज्ञानदीप का प्रज्जवलन ब्र. बहनों ने किया। प्रवचन सभा का संचालन नितिन जैन ने किया। अशोक शाकाहार ने बताया कि आज विधान में 8 अघ्र्य समर्पित किए जाएंगे। ध्वजारोहण शिखरचंद, संजयकुमार जैन ने किया।

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