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सागर

बीमार मासूम को खून की जरूरत का मैसेज सोशल मीडिया पर देखकर किया था रक्तदान

सजगता ने बचाई बच्चे की जान

सागरSep 08, 2018 / 10:01 am

नितिन सदाफल

Blood donation was done by looking at the need of blood

Blood donation was done by looking at the need of blood

सागर. सोशल मीडिया और एक जागरूक व्यक्ति की सजगता ने गुरुवार रात खुरई रोड स्थित ट्रस्ट अस्पताल में भर्ती 9 माह के बीमार मासूम की जान बचा ली। सोशल मीडिया पर गुरुवार रात चल रहे मैसेज को देखने के बाद भाजपा सदर मंडल अध्यक्ष रात ११ बजे ट्रस्ट अस्पताल पहुंचे और मासूम के लिए रक्तदान किया।
मासूम के शरीर में खून की कमी के कारण उसकी हालत बिगड़ती जा रही थी। ब्लड ग्रुप की जरूरत और रुपए की कमी से मासूम के परिजनों को परेशान देख रात में ही किसी ने यह अपील सोशल मीडिया पर वायरल कर दी और रात 11 बजे जरूरतमंद मासूम तक मदद पहुंच गई।
जानकारी के अनुसार दो दिन पहले गौरझामर के आमाखेड़ा निवासी आशीष सेन पत्नी कंचन के साथ अपने ९ माह के बीमार बेटे काॢतक को उपचार के लिए सागर लेकर आया था। मेडिकल कॉलेज में भर्ती रहने के दौरान जब उसकी तबीयत में सुधार नहीं दिखा तो आशीष बेटे को खुरई रोड स्थित ट्रस्ट अस्पताल पहुंचा। यहां गुरुवार शाम को डॉक्टर ने बच्चें में खून की कमी के कारण हालत खराब होने का कहकर ब्लड यूनिट चढ़ाने की जरूरत बताई। शिशु को बी- पॉजिटिव ग्रुप का ब्लड चढ़ाया जाना था। लेकिन गांव से दूर अस्पताल में आशीष यह सुनकर परेशान हो गया। रुपए की कमी और अपना ग्रुप मेच न होने से वह चिंता में था तभी किसी ने उसकी परेशानी और बच्चे को ब्लड की जरूरत का संदेश अपील के रूप में सोशल मीडिया ग्रुप में जारी कर दिया।
यह संदेश गुरुवार रात करीब ११ बजे भाजपा के सदर मंडल अध्यक्ष श्यामसुंदर मिश्रा ने देखा और उसमें दिए मोबाइल नंबर पर कॉल कर आशीष सेन से बात की। उसकी बातें सुनने के बाद वे तुरंत अपने पुत्र शिवांश के साथ अस्पताल पहुंचे और डॉक्टर से मुलाकात कर रक्तदान की इच्छा जताई। डॉक्टर ने तुरंत जांच कराई और रात करीब १२ बजे जरूरतमंद मासूम को ब्लड यूनिट लगा दी गई। मिश्रा ने बताया डॉक्टर ने ब्लड यूनिट लगने के बाद बच्चे की हालत में सुधार की जानकारी दी है। उन्हांेने मासूम के पिता से भी उसकी तबीयत के संबंध में चर्चा कर अन्य मदद का भी आश्वासन दिया।
इस तरह एक जागरुक व्यक्ति द्वारा सोशल मीडिया पर की गई अपील और जिम्मेदार व्यक्ति द्वारा समय पर मदद के लिए पहुंचने से एक मासूम की जान का जोखिम टल गया।
जहां सोशल मीडिया के दुरुपयोग को लेकर समाज और प्रशासन आए दिन मुश्किलों का सामना कर रहा है वहीं गुरुवार रात यही सोशल मीडिया मासूम का जीवन रक्षक बना।

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