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Blue Whale Challenge : ब्लू व्हेल गेम के चंगुल में फंसे बच्चों का यहां होगा इलाज

एमपी के इस शहर में खुलेगा प्रदेश का तीसरा टीनएज क्लीनिक, अगले महीने हो सकता है शुरू

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सागर

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Aakash Tiwari

Oct 05, 2017

blue whale game

blue whale game

सागर.ब्लू व्हेल गेम के कारण देशभर में बच्चों द्वारा जानलेवा कदम उठाए जा रहे हैं। कई की तो जान तक जा चुकी है। दमोह जिले में भी एक बच्चे ने कथित रूप से इसी के फेर में उलझकर खुदकुशी कर ली थी। इन्हीं सबसे सबक लेकर बीएमसी प्रबंधन जल्द ही टीनएज क्लीनिक खोलने जा रहा है। यह प्रदेश का तीसरा क्लीनिक होगा। अभी भोपाल और इंदौर के मेडिकल कॉलेज में ऐसा क्लीनिक संचालित है। इसमें 13 से 19 साल के बच्चों की काउंसलिंग की जाएगी। सब कुछ ठीक रहा तो नवंबर में यह क्लीनिक बीएमसी में शुरू हो जाएगी। क्लीनिक हफ्ते में दो दिन खुलेगा। यहां काउंसलर, पीडियाट्रिक्स, मेडिसिन विभाग के डॉक्टर तैनात रहेंगे।

जरूरत पडऩे पर क्लीनिक में होगा इलाज
13 से 19 साल की उम्र में बच्चों में हार्मोंस बदलते हैं। स्वभाव भी बदलने लगता है। कई अकेले रहते हैं तो कई गु्रप में रहने की आदत बना लेते हैं। वे बच्चे अपने आपको बेहतर समझने की मानसिकता रखने लगते हैं। इन बच्चों को विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। क्लीनिक में इन्हीं बच्चों की काउंसिलंग की जाएगी। जरूरत पडऩे पर इलाज भी होगा।

22 फीसदी बच्चों को काउंसलिंग की जरूरत
पीडियाट्रिक्स विशेषज्ञ व डीन डॉ. जीएस पटेल बताते हैं टीनएज ग्रुप के बच्चों की आबादी में ऐसे किशोरों की संख्या 19 से 22 फीसदी होती है। इनका व्यवहार अन्य बच्चों से अलग होता है। यही बच्चे गलत कदम उठाते हैं।

इस तरह के बच्चे यह उठाते हैं कदम
परीक्षा में फेल होने पर खुदकुशी।
अपराधों के प्रति रुझान।
संयम खोकर, मारपीट करना।
गेम या फिर किसी दूसरे की कैरेटर अचानक से खो जाना।

टीएनएज जल्दी अवसाद में चले जाते हैं या फिर दूसरों से जल्द प्रभावित हो जाते हैं। खेलों का असर भी इन पर डीपली असर पड़ता है। हम क्लीनिक जल्द शुरू करने वाले हैं। अभी पीडियाट्रिक्स में विशेषज्ञों की कमी है, जिसके लिए पत्र लिखा जा चुका है।
डॉ. जीएस पटेल, डीन बीएमसी