दो माह में 10 में से बचे 7 डॉक्टर, मरीज परेशान
सागर•Oct 19, 2019 / 08:48 pm•
sachendra tiwari
Doctors are afraid of coming to this hospital, know what is the reason
बीना. सिविल अस्पताल में आए दिन विवादों के चलते अब यहां दूसरे डॉक्टर नहीं आना चाह रहे हैं। पिछले वर्षों में डॉक्टरों का तबादला बीना किया गया, लेकिन यहां किसी डॉक्टर ने ज्वाइनिंग नहीं की है। जबकि यहां से एक डॉक्टर ने नौकरी छोड़ दी, एक का ट्रांसफर कर दिया गया और एक डॉक्टर को कुछ दिन पहले ही निलंबित किया गया है, जिससे अब सिर्फ सात डॉक्टर बचे हैं। पचास पलंग के लिए स्वीकृत अस्पताल में मरीजों की संख्या सौ पलंग वाले अस्पताल के बराबर हो रही है, लेकिन यहां डॉक्टर की संख्या बढऩे की बजाय घटती जा रही है। यही नहीं अस्पताल में पहले डॉक्टरों के बीच चली खींचतान के कारण विवाद हुए और अब मरीज, डॉक्टर के बीच विवाद होने के मामले आने से यहां बाहर से दूसरे डॉक्टर आना भी नहीं चाह रहे हैं। वर्तमान में अस्पताल की यह स्थिति है कि 7 डॉक्टर बचे हुए हैं और एक महिला डॉक्टर अगले माह से छुटï्टी पर जा रही हैं, जिससे छह डॉक्टरों के भरोसे ही अस्पताल चलेगा। ऐसे में मरीजों को इलाज मिल पाना संभव नहीं है। जबकि इस अस्पताल में करीब पांच साल पहले तक 14 डॉक्टर पदस्थ थे। इस ओर जनप्रतिनिधियों का भी ध्यान नहीं जा रहा है।
नहीं हैं विशेषज्ञ, सर्जन
अस्पताल में एक डेंटल सर्जन, चार विशेषज्ञ और 5 मेडिकल ऑफिसर की पोस्ट स्वीकृत हैं, लेकिन विशेषज्ञ नहीं है। जिसमें स्त्री रोग विशेषज्ञ, हृदय रोग विशेष, सर्जन, नेत्र रोग विशेषज्ञ की कमी से मरीजों को परेशानी होती है और सागर, भोपाल जाकर इलाज कराना पड़ता है। करीब दो माह पहले ही शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु शर्मा का तबादला हो गया है, लेकिन उनकी जगह कोई नहीं आया।
छह सौ तक पहुंच जाती है ओपीडी
बीना अस्पताल की ओपीडी छह सौ तक पहुंच जाती है, जिससे यहां डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। अस्पताल में मरीजों की संख्या को देखते हुए यहां लंबे सयम से 100 पलंग का अस्पताल खोले जाने की मांग भी की जा रही है, लेकिन अभी तक यह मांग पूरी नहीं हो पाई है। जबकि खुरई और देवरी की अस्पतालों को यह दर्जा दे दिया गया है।
हो गई है डॉक्टरों की कमी
अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण परेशानी हो रही है। वर्तमान में सात डॉक्टर हैं और उनके द्वारा ही इलाज किया जा रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों से अस्पताल में डॉक्टरों को पदस्थ करने की मांग की है। बीना अस्पताल में १०० पलंग के अस्पताल के बराबर मरीज आ रहे हैं।
डॉ. आरके जैन, प्रभारी, सिविल अस्पताल, बीना
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा नहीं हैं डॉक्टर
डॉक्टरों की कमी के संबंध में स्वास्थ्य मंत्री से बात की थी, जिसपर उनका कहना था कि डॉक्टर नहीं हैं। सिविल अस्पताल के संबंध में अब विधानसभा में मुद्दा उठाएंगे, जिससे क्षेत्र के लोगों को परेशान न होना पड़े। अस्पताल का महौल खराब होने से यहां कोई डॉक्टर आना भी नहीं चाह रहे हैं।
महेश राय, विधायक, बीना