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सागर

मां से बिछड़े अनाथ बंदर को कुत्ते ने दिया सहारा, पहले दोनों ने की मस्ती फिर पीठ पर बैठाकर पहुंचा थाने

पुलिस ने भी दिखाई दरियादिली, भूखे बंदर के बच्चे को खिलाए केले, फिर सौंपा वन विभाग को

सागरOct 22, 2019 / 09:43 pm

मदन गोपाल तिवारी

मां से बिछड़े  अनाथ बंदर को कुत्ते ने दिया सहारा, पहले दोनों ने की मस्ती फिर पीठ पर बैठाकर पहुंचा थाने

मां से बिछड़े अनाथ बंदर को कुत्ते ने दिया सहारा, पहले दोनों ने की मस्ती फिर पीठ पर बैठाकर पहुंचा थाने,मां से बिछड़े अनाथ बंदर को कुत्ते ने दिया सहारा, पहले दोनों ने की मस्ती फिर पीठ पर बैठाकर पहुंचा थाने,मां से बिछड़े अनाथ बंदर को कुत्ते ने दिया सहारा, पहले दोनों ने की मस्ती फिर पीठ पर बैठाकर पहुंचा थाने

सागर. दुनिया जिसे जान का दुश्मन समझती हो और वही बुरे वक्त में जीवन रक्षक बन जाए, एेसे किस्से टीवी पर तो कई बार देखने मिलते हैं, लेकिन असल जीवन में एेसा देख हर कोई चौंक जाता है। कहते हैं न कि मदद का कोई चेहरा नहीं होता है और आज एक तस्वीर ने यह बता दिया की मदद की शक्ल बहुत ही खूबसूरत होती है। जब एक नवजात बंदर अपनी मां से बिछड़ गया तो एक कुत्ता मददगार बना। कुत्ता पहले तो बंदर के बच्चे के साथ मस्ती करता रहा और फिर उसे पुलिस के पास ले गया। इसके बाद मासूम बंदर की जिंदगी आगे बढ़ के सुरक्षित हो गई। छोटी सी जान कुत्ते ने एक मासूम बंदर की मदद कर यह साबित कर दिया है कि इंसान ही नहीं जानवरों में भी इंयानियत अभी कायम है।

दरअसल जिले के रहली क्षेत्र में आने वाले बलेह गांव में सागर तालाब में एक नवजात बंदर अपनी मां से बिछड़ गया। उसे अकेला और परेशान देख एक कुत्ते के बच्चे ने उसको सहारा दिया। कई घंटो दोनों खेलते रहे फिर इस मासूम बंदर को कोई नुकसान न पहुंच जाए, मानो ऐसा सोचकर यह नन्हा कुत्ता उस मासूम बंदर को अपनी पीठ पर बैठाकर खाकी के दरबार यानी पुलिस चौकी के पास पहुंच गया।


कुत्ते और बंदर के बच्चे की इस गजब दोस्ती को देखकर बलेह चौकी प्रभारी अवधेश दुबे का भी मन भर आया और उन्होंने जवानों को भूखे बंदर के लिए कुछ खाने का प्रबंध करने के निर्देश दिए। चौकी प्रभारी दुबे ने स्वयं बंदर को केले खिलाए। तब तक अपने दोस्त को अंदर देख कुता भी बहार खड़ा रहा। इसके बाद चौकी प्रभारी ने बंदर को वन विभाग को सौंप दिया। साथ ही यह अनुरोध भी किया कि वन विभाग यह कोशिश करे कि इस मासूम बंदर को उसकी मां से मिला दिया जाए।

आम तौर पर जानवरों के स्वभाव को मानें तो बंदर कुत्ते को अपना जानी दुश्मन मानते हैं, लेकिन इस घटना ने कुत्ते का बंदर के प्रति लगाव पुरानी बातों को सुनी-सुनाई मनगडंत कहानियां ही साबित कर रहा है। बंदर के गले में पट्टा बंधा था। जिससे यह भी कहा जा रहा है कि वह खुद की या उसकी मां की गलती से अकेला नहीं हुआ, बल्कि किसी इंसानी हरकत का शिकार हुआ था, लेकिन उन इंसानों की हरकत को ठेंगा दिखाकर एक कुत्ते ने इस मासूम बंदर की मद्दद की।

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