हालत ये हैं कि आपात स्थिति में भी ब्लड मिलने में परेशानी हो रही है।जिला अस्पताल की ब्लड बैंक में हर रोज 60-70 मरीज ब्लड लेने पहुंच रहे हैं जिसमें से अधिकांश परिजन निराश होकर लौटते हैं। ब्लड बैंक में पॉजीटिव कैटेगरी के ब्लड ग्रुप में 56 यूनिट और निगेटिव में मात्र 4 यूनिट रक्त बचा है। ब्लड बैंक से हर रोज 25-30 यूनिट मेडिकल कॉलेज के मरीजों को भेजा जाता है अब वह भी प्रभावित हो रहा है।
मायूस लौट रहे मरीज-
-विगत माह देवरी में कुआं में डायनामाइट फटने से गंभीर रूप से घायल 3 युवक बीएमसी पहुंचे। घायलों में 2 को तत्काल ब्लड की आवश्यकता थी, जब परिजन ब्लड बैंक पहुंचे तो उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा। गनीमत रही कि परिजनों ने दौड़-भाग करके निजी ब्लड बैंक से खून की व्यवस्था की। -विगत दिनों जैसीनगर में हुई यात्री बस हादसे के बाद करीब 10-12 घायल बीएमसी पहुंचे थे। गंभीर रूप से घायल 3 मरीजों को खून की आवश्यकता थी। परिजन जिला अस्पताल की ब्लड बैंक में बिनती करते रहे लेकिन वहां ब्लड की व्यवस्था नहीं हो पाई। परिजनों ने निजी अस्पताल में ब्लड चढ़वाया।
-प्रसूता वार्ड में एनीमिया से पीडि़त महिला को खून की आवश्यकता थी। परिजन ब्लड के लिए सरकारी अस्पताल पहुंचे जहां ब्लड ग्रुप न मिलने पर परिजन शहर की निजी ब्लड बैंकों के चक्कर लगाते रहे। खून की कमी से महिला की जान आफत में आ गई। किसी तरह महिला की जान बचाई जा सकी।
फैक्ट फाइल-
60 यूनिट रक्त शेष। 30 यूनिट रोज की आवश्यकता। 800 यूनिट स्टोर की क्षमता। 2 दिन बाद आती है डोनेट रक्त की रिपोर्ट। 15 यूनिट निगेटिव कैटेगरी ब्लड की हर दिन आवश्यकता। -गर्मी के सीजन में ब्लड बैंक में रक्त की ज्यादा कमी हो जाती है, अभी हमारे पास निगेटिव कैटेगरी में ब्लड का अभाव है। ब्लड बैंक में 800 यूनिट तक की क्षमता है। अभी पूर्व मंत्री व खुरई विधायक भूपेंद्र सिंह के जन्मदिन पर 17 मई से 3 दिवसीय कैम्प लगेंगे, कैम्प से बड़ी मात्रा में रक्त एकत्रित होगा इसके लिए तैयारी कर रहे हैं।
डॉ. मनीष जैन, ब्लड बैंक प्रभारी जिला अस्पताल।