सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक घास में आग लगते ही लैब के कर्मचारियों के साथ-साथ अधिकारी भी आग बुझाने में लग गए थे। फायर स्टेशन की मदद से कर्मचारियों ने समय रहते आग पर काबू पा लिया, इसके चलते किसी तरह की बड़ी घटना नहीं हो सकी। इस संबंध में एनएचपीटीएल के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
पिछले वर्षों में भी सूखी घास में यहां आल लगने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिससे ग्रीन बेल्ट में लगे हरेभरे पेड़ जल गए थे और आग आयल की ड्रमों तक पहुंच गई थी। इसके बाद भी यहां अधिकारी गर्मियों में घास की सफाई नहीं कराते हैं और एक चिंगारी से आग विकराल रुप धारण कर लेती है।