जांच हो तो लाखों फर्जी लोग आ सकते हैं सामने
खाद्य विभाग के अनुसार जिले में हर माह औसतन 94 प्रतिशत राशन का वितरण होता है, यानी 1.13 लाख लोगों का राशन वितरण नहीं होता है। इन 1.13 लाख लोगों को यदि हटा भी दिया जाए तो आज की स्थिति में 2.45 लाख सदस्य ऐसे बचते हैं, जिनका अब तक कुछ अता-पता ही नहीं है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि यदि सही तरीके से जांच कराई जाए, तो फर्जी तरीके से राशन लेने वालों की संख्या लाखों में हो सकती है।एक जून से नहीं मिलेगा राशन
कलेक्टर संदीप जीआर ने राशन लेने वाले हितग्राहियों की ई-केवाइसी तत्काल कराने के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद जिले में राशन दुकान संचालकों के साथ अन्य विभागों का अमला भी डोर-टू-डोर संपर्क करने के साथ शिविर लगाकर भी सदस्यों की ई-केवाइसी करा रहा है। पूर्व में बिना ई-केवाइसी कराने वालों को एक मई से राशन वितरण बंद किया जाना था, लेकिन इसकी समय सीमा एक माह बढ़ा दी गई। अब 31 मई के बाद 1 जून से उन्हीं लोगाें को राशन का वितरण किया जाएगा, जिनकी ई-केवाइसी हो चुकी है।फैक्ट फाइल
996 राशन दुकान जिले में1882979 लोगों को मिल रहा राशन
1524000 लोगों की हो चुकी ई- केवाइसी
350000 लोगों की ई- केवाइसी होना शेष
81 प्रतिशत केवाइसी हो चुकी राशन लेने वाले प्रत्येक सदस्य की ई-केवाइसी कराई जा रही है। अब तक 81 प्रतिशत लोगों की केवाइसी हो चुकी है, लेकिन 3.58 लाख सदस्यों का पता ही नहीं चल रहा है। हमने एक सप्ताह में करीब ढाई हजार मृत व्यक्तियों के नाम भी काटे हैं और यह जांच-पड़ताल अभी भी जारी है।
– ज्योति बघेल, खाद्य आपूर्ति नियंत्रक, सागर