दरअसल शासन के निर्देश पर खाद्य विभाग जिले में संचालित 996 शासकीय राशन दुकानों से राशन लेने वाले परिवारों के हर सदस्य की ई-केवाईसी कर रहा है। विभाग के अनुसार जिले में राशन लेने परिवारों के सदस्यों की संख्या 18 लाख 82 हजार 979 है, जिसमें से अब तक लगभग 15.24 लाख सदस्यों की ई-केवाईसी कर दी गई, लेकिन 3.58 लाख ऐसे सदस्य हैं, जिनकी केवाईसी होना बाकी है।
– जांच हो तो लाखों फर्जी लोग आ सकते हैं सामने
खाद्य विभाग के अनुसार जिले में हर माह औसतन 94 प्रतिशत राशन का वितरण होता है। इस हिसाब से देखें तो 1.13 लाख लोगों का राशन वितरण नहीं होता है। इन 1.13 लाख लोगों को यदि हटा भी दिया जाए तो आज की स्थिति में 2.45 लाख सदस्य ऐसे बचते हैं, जिनका अब तक कुछ अता-पता ही नहीं है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि यदि सही तरीके से जांच कराई जाए तो फर्जी तरीके से राशन लेने वालों की संख्या लाखों हो सकती है।
– एक जून से नहीं मिलेगा राशन
कलेक्टर संदीप जी आर ने राशन लेने वाले हितग्राहियों की ई-केवाईसी तत्काल कराने के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद जिले में राशन दुकान संचालकों के साथ अन्य विभागों का अमला भी डोर-टू-डोर संपर्क करने के साथ शिविर लगाकर भी सदस्यों की ई-केवाईसी करा रहा है। पूर्व में बिना ई-केवाईसी कराने वालों को एक मई से राशन वितरण बंद किया जाना था, लेकिन इसकी समयसीमा एक माह बढ़ा दी गई। यानी 31 मई के बाद एक जून से उन्हीं सदस्यों को राशन का वितरण किया जाएगा, जिनकी ई-केवाईसी हो चुकी है।
– फैक्ट फाइल
996 राशन दुकान जिले में 1882979 लोगों को मिल रहा राशन 1524000 लोगों की हो चुकी केवाईसी 350000 लोग की केवाईसी होना शेष – 81 प्रतिशत केवाईसी हो चुकी
राशन लेने वाले प्रत्येक सदस्य की ई-केवाईसी कराई जा रही है। अब तक 81 प्रतिशत लोगों की केवाईसी हो चुकी है, लेकिन 3.58 लाख सदस्यों का पता ही नहीं चल रहा है। हमने एक सप्ताह में करीब 2.5 हजार मृत व्यक्तियों के नाम भी काटे हैं और यह जांच-पड़ताल अभी भी जारी है। ज्योति बघेल, खाद्य आपूर्ति नियंत्रक, सागर