अस्पताल में नहीं हैं ज्यादा मरीजों के लिए ऑक्सीजन, स्टाफ की व्यवस्था
सागर•May 01, 2021 / 09:26 pm•
sachendra tiwari
Isolation ward full
बीना. कोरोना से हालात दिनोंदिन खराब होते जा रहे हैं और लोग अपनों की जान बचाने के लिए जतन करने में जुटे हैं। सिविल अस्पताल में हालात यह है कि आइसोलेशन वार्ड मेें पच्चीस मरीज भर्ती होने से वार्ड फुल हो गया है और अब लोग घरों से पलंग लेकर पहुंचने लगे हैं। अस्पताल में खाली जगह में पलंग डालकर मरीज को भर्ती कर रहे हैं।
अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में चौबीस पलंग डाले गए हैं, जहां शनिवार को पच्चीस मरीज भर्ती थे। इसके बाद भी वहां ऑक्सीजन लेवल कम वाले मरीज पहुंच रहे हैं और उन्हें जब भर्ती करने पलंग नहीं मिला तो घरों से पलंग ले जाकर मरीज को भर्ती कर दिया। एक पलंग आइसोलेशन वार्ड के बाहर गैलरी में और दूसरा पलंग लैब के सामने डालकर मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया। यदि इसी तरह बड़ी संख्या में मरीज अस्पताल पहुंचते रहे तो हालात गंभीर हो सकते हैं, क्योंकि अस्पताल में न तो ज्यादा ऑक्सीजन सिलेंडर हैं और न ही पर्याप्त स्टाफ। साथ ही सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन लेवल कम वाले मरीजों को भर्ती करने की वजाय रेफर करने के निर्देश दिए हैं, जिससे उन्हें दूसरे अस्पतालों में इलाज मिल सके।
दूसरे शहरों में अस्पतालों में नहीं मिल रही जगह
ऑक्सीजन लेवल कम होने के साथ-साथ अन्य तकलीफ होने पर जब लोग शहर से बाहर बड़ी अस्पतालों में पलंग खाली होने की जानकारी लेते हैं तो वहां से निराशा ही हाथ लग रही है और वह मजबूरी में सिविल अस्पताल पहुंच रहे हैं, जिससे ऑक्सीजन मिल सके।
स्टाफ के संक्रमित होने का खतरा
आइसोलेशन वार्ड में कोरोना पॉजीटिव सहित संदिग्ध मरीज भर्ती हो रहे हैं, लेकिन उनके परिजन और रिश्तेदार लगातार अंदर जा रहे हैं। यदि स्टाफ द्वारा मना किया जाता है तो विवाद की स्थिति बनती है। यदि वहां इस तरह की स्थिति बनी रही तो अस्पताल के स्टाफ सहित वहां आने वाले सामान्य मरीज भी संक्रमित हो सकते हैं। आइसोलेशन वार्ड के कोई अंदर न जाए इसके लिए व्यवस्था करना जरूरी है।
मना करने बाद भी बाहर डाल रहे पलंग
आइसोलेशन वार्ड फुल है और लोग बाहर पलंग डालकर मरीज भर्ती कर रहे हैं। जबकि ज्यादा मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था नहीं है और न ही उनकी देखभाल करने स्टाफ। आइसालेशेन वार्ड में मरीज के परिजन सहित अन्य लोग जाने से नहीं मान रहे हैं, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बना है।
डॉ. संजीव अग्रवाल, बीएमओ