मंडी के बाहर उपज बेचने मजबूर, बाहर इलेक्ट्रॉनिक कांटों पर नहीं हो रही तौल
सागर•Sep 25, 2020 / 08:39 pm•
sachendra tiwari
Mandi employees also on strike along with traders
बीना. व्यापारी मंडी शुल्क घटाने और मंडी कर्मचारी मॉडल एक्ट के विरोध में हड़ताल पर हैं, जिससे मंडी में ताला डला हुआ है। मंडी बंद होने के कारण किसानों को मजबूरी में बाहर उपज बेचनी पड़ रही है। बाहर किसान उपज बेचने मजबूर हैं, जहां कम दामों पर उपज खरीदी जा रही है। साथ ही इलेक्ट्रॉनिक कांटों पर भी तौल नहीं की जा रही है।
रबी सीजन की बोवनी करने के लिए डीजल, खाद, बीज खरीदने के मंडी में बड़ी संख्या में किसान उपज बेचने आ रहे थे, लेकिन मंडी बंद होने के बाद अब वह परेशान हैं। बाहर फुटकर व्यापारियों द्वारा मनमाने दाम में उपज खरीदी जा रही है और इलेक्ट्रॉनिक कांटो की जगह तराजू पर तौल कर रहे हैं, जिससे यदि किसान की उपज ज्यादा भी तौल ली जाए तो उन्हें पता भी नहीं चलेगा। इस ओर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है। किसानों द्वारा एसडीएम से मंडी खोलने की पहले ही मांग की जा चुकी है, लेकिन पहले व्यापारी हड़ताल पर थे और अब मंडी कर्मचारी भी हड़ताल पर चले गए हैं। यदि ज्यादा दिन मंडी बंद रही तो किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
कर्मचारियों ने की नारेबाजी
मंडी कर्मचारी मंडी एक्ट के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं और शुक्रवार को सभी ने मुख्य गेट पर एकत्रित होकर नारेबाजी की। कर्मचारियों ने बताया कि पूर्व में जब हड़ताल की थी तो कृषि मंत्री द्वारा पंद्रह दिनों का आश्वासन दिया गया था, लेकिन अभी तक मांगें पूर्ण नहीं की गई हैं और अब मांगे पूर्ण न होने तक हड़ताल जारी रहेगी।
मंडी शुल्क 0.50 प्रतिशत करने की है मांग
मॉडल एक्ट में मंडी के बाहर खरीदी करने पर व्यापारी को मंडी शुल्क देने की जरूरत नहीं है, जिससे अब मंडी के लायसेंसधारी व्यापारी मंडी शुल्क 0.50 प्रतिशत करने की मांग कर रहे हैं। व्यापारी सिर्फ एक सूत्रीय मांग को लेकर ही हड़ताल पर हैं।