सीएमओ डॉ. ममता तिमोरी ने बताया कि नपाध्यक्ष को समय पर इलाज न मिलने और उनके साथ अभद्रता करने के मामले में दो सदस्यीय जांच टीम बनाई है, जिसमें डॉ. मोहन खरे, डॉ. लहरी खुरई जांच करेंगे।
सिविल अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ को छोड़कर डॉक्टर सहित अन्य कर्मचारी ड्रेस में नहीं रहते हैं। न ही उनके पास कोई आइ कार्ड रहता है, जिससे मरीज, परिजन परेशान होते हैं और आए दिन विवाद की स्थिति बनती है। एसडीएम ने बीएमओ को निर्देश दिए हैं कि सभी के आइ कार्ड जारी किए जाएं।
विधायक ने सिविल अस्पताल का निरीक्षण किया, जिसमें कई अनियमितताएं सामने आईं, इनमें सुधार करने के लिए संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गए। यदि व्यवस्थाओं को ठीक नहीं किया गया, तो वैधानिक कार्रवाई की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अस्पताल आम आदमी की सेवा के लिए है और स्टाफ की जिम्मेदारी है कि समय पर इलाज मुहैया कराएं।
अस्पताल में पदस्थ डॉ. वीरेन्द्र ठाकुर द्वारा मैसेज भेजकर एक जून को सिविल अस्पताल में प्रदर्शन करने सूचना दी गई है। जिसमें उल्लेख किया गया है कि नपाध्यक्ष ने स्टाफ, डॉक्टर से अभद्रता की है, अस्पताल में तोडफ़ोड़ की गई और पार्षदों को बुलाकर हंगामा कराया गया। झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी गई है और शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाई गई। इसलिए डॉक्टर और स्टाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे, जबकि सीएमएचओ का कहना है कि ऐसा कोई मामला नहीं है और न ही आज कोई प्रदर्शन होगा। यदि प्रदर्शन हुआ, तो संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी।