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न ड्रेस न आइडी कार्ड इसलिए नहीं हो सकी डॉक्टर की पहचान

एसडीएम ने दोनों पक्षों से बात कर कराया मामला शांत, डॉक्टर ने मानी अपनी गलती, मामला नपाध्यक्ष को सिविल अस्पताल में इलाज न मिलने का

Neither dress nor ID card, so the doctor could not be identified
डॉक्टर से चर्चा करती हुईं विधायक

बीना. सिविल अस्पताल में गुरुवार की रात नपाध्यक्ष को इलाज न मिलने और ड्यूटी डॉक्टर द्वारा अभद्रता करने के मामले में शुक्रवार की सुबह एसडीएम देवेन्द्र प्रताप सिंह ने दोनों पक्षों की बात सुनी। जिसमें डॉक्टर ने अपनी गलती मानी और मामला शांत कराया। विधायक निर्मला सप्रे ने भी अस्पताल पहुंचकर मामले की जानकारी ली। साथ ही अस्पताल का निरीक्षण किया।
गौरतलब है कि गुरुवार रात 10.15 बजे नपाध्यक्ष लता सकवार पेट दर्द और बीपी बढऩे के कारण सिविल अस्पताल इलाज कराने पहुंची थीं, लेकिन ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर अभिषेक मिश्रा ने स्वयं को डॉक्टर नहीं बताया और ड्यूटी डॉक्टर के न होने की बात कही थी। इसके बाद विवाद शुरू हुआ और पार्षदों ने अस्पताल में धरना दे दिया था। सुबह एसडीएम ने अस्पताल पहुंचकर दोनों पक्षों से करीब एक घंटे तक चर्चा की। साथ ही सीसीटीवी फुटेज भी देखे। बीएमओ डॉ. अरविंद गौर ने पूरा प्रतिवेदन भी तैयार कराया है।

एसडीएम ने बताया कि नपाध्यक्ष के पहुंचने पर डॉक्टर ने पर्चा पर दवाएं लिखकर दी थीं और इलाज शुरू कर दिया था। नपाध्यक्ष ने जब ड्यूटी डॉक्टर के संबंध मेंं पूछा, तो डॉक्टर ने स्वयं को ड्यूटी पर नहीं बताया था। दोनों पक्षों से चर्चा कर मामला शांत कराया गया है। इस दौरान पार्षद, भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे।

सीएमएचओ ने बनाई जांच टीम
सीएमओ डॉ. ममता तिमोरी ने बताया कि नपाध्यक्ष को समय पर इलाज न मिलने और उनके साथ अभद्रता करने के मामले में दो सदस्यीय जांच टीम बनाई है, जिसमें डॉ. मोहन खरे, डॉ. लहरी खुरई जांच करेंगे।

न ड्रेस, न ही रहता है आइ कार्ड
सिविल अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ को छोड़कर डॉक्टर सहित अन्य कर्मचारी ड्रेस में नहीं रहते हैं। न ही उनके पास कोई आइ कार्ड रहता है, जिससे मरीज, परिजन परेशान होते हैं और आए दिन विवाद की स्थिति बनती है। एसडीएम ने बीएमओ को निर्देश दिए हैं कि सभी के आइ कार्ड जारी किए जाएं।

विधायक ने कहा मरीजों को समय पर मिले इलाज
विधायक ने सिविल अस्पताल का निरीक्षण किया, जिसमें कई अनियमितताएं सामने आईं, इनमें सुधार करने के लिए संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गए। यदि व्यवस्थाओं को ठीक नहीं किया गया, तो वैधानिक कार्रवाई की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अस्पताल आम आदमी की सेवा के लिए है और स्टाफ की जिम्मेदारी है कि समय पर इलाज मुहैया कराएं।

डॉ. ठाकुर ने प्रदर्शन का भेजा मैसेज
अस्पताल में पदस्थ डॉ. वीरेन्द्र ठाकुर द्वारा मैसेज भेजकर एक जून को सिविल अस्पताल में प्रदर्शन करने सूचना दी गई है। जिसमें उल्लेख किया गया है कि नपाध्यक्ष ने स्टाफ, डॉक्टर से अभद्रता की है, अस्पताल में तोडफ़ोड़ की गई और पार्षदों को बुलाकर हंगामा कराया गया। झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी गई है और शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाई गई। इसलिए डॉक्टर और स्टाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे, जबकि सीएमएचओ का कहना है कि ऐसा कोई मामला नहीं है और न ही आज कोई प्रदर्शन होगा। यदि प्रदर्शन हुआ, तो संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी।