पंचायती राज में यह है धारा 40 और 92
पंचायती राज की धारा 40 के तहत पद के दुरुपयोग करने पर सरपंच को पद से पृथक करने की कार्रवाई की जाती है। इसमें ही धारा 12 के तहत पंचायत में हुए भ्रष्टाचार और गबन के मामलों में सरपंच व सचिव दोनों से वसूली करने के लिए होती है। ताकि कार्रवाई पुख्ता हो सके।
एक साल पहले जिला पंचायत के सुपुर्द किए थे प्रकरण
पंचायतों के सरपंच व सचिवों के खिलाफ भ्रष्टाचार व पद के दुरुपयोग को लेकर दर्ज किए गए मामलों की फाइलें इस कार्यालय से उस कार्यालय बस घूम रहीं हैं, पेशियां हो रहीं हैं, लेकिन निर्णय कब होगा इस पर कोई भी जवाब मिलता नजर नहीं आ रहा है। इसी व्यवस्था में सुधार लाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने करीब एक साल पहले एसडीएम कोर्ट की जगह इन मामलों में फैसला लेने का अधिकार जिला पंचायत सीईओ को दे दिया गया है, लेकिन बीते एक साल में जिला पंचायत में केवल 10-12 मामलों पर ही फैसला हो सका है। यहां यह भी देखने में आया है कि जिला पंचायत ने हालही में दर्ज हुए मामलों में तो सरपंचों को दोषी करार देते हुए पद से पृथक करने की कार्रवाई कर दी, लेकिन सालों पुराने मामलों में कोई सुनवाई तक नहीं हो रही है।
फैक्ट फाइल
92 केस एसडीएम कोर्ट ने एक साल पहले जिपं को सौंपे थे।
6 सरपंचों पर लंबित हैं धारा 40 के केस।
13 सरपंचों पर धारा 92 के केस लंबित।
25 पंचायत सचिवों पर धारा 92 के केस।
24 सचिवों की चल रहीं विभागीय जांच।
12 माह में केवल 10-12 मामलों में ही हो सका फैसला।
13 सरपंच व 25 सचिवों से होनी है 1.52 करोड़ से ज्यादा की वसूली।